2015-06-19 16:18:00

ईशवचन की अनभिज्ञता येसु की अनभिज्ञता


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 19 जून, 2015 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 19 जून को वाटिकन सिटी के ‘साला कनसिसतेरियो’ सभागार में काथलिक बाइबल फेडरेशन के सदस्यों की पूर्ण कालिक बैठक को संबोधित किया।

संत पापा ने कहा, " आपने दसवीं पूर्णकालिक सभा की जो विषयवस्तु चुनी है उसमें संत योहन के पहले पत्र कहा गया है, ‘जो हमने देखा और सुना है हम उसकी घोषणा करते हैं’(1योहन1,3) " 

सत्य वचन की घोषणा के लिये ज़रूरी है कि हम अपने दिल में दिव्य वचन का अनुभव करें। ख्रीस्तीयों के लिये ईश्वर ने अपने अच्छे कार्यों को प्रकट किया। जैसा कि दिव्य प्रकाशना के डोग्माटिक संविधान (‘डोग्माटिक कोन्स्टिट्यूशन ऑन डिवाइन रेभेलेशन’) ‘देई वेरबुम’ अर्थात् ‘ईशवचन’ के अनुसार ईसाइयों को चाहिये कि वे ईशवचन सुनें, उसकी आराधना करें, पढ़ें, अध्ययन करें, प्रवचन दें और तब उसकी घोषणा करते हुए उसका प्रचार करें।

संत पापा ने कहा, " न हम, न ही हमारा प्रयास, पर स्वयं पवित्र आत्मा हममें कार्यरत है। वह उन लोगों को जो अपने आपको प्रेरितिक कार्य के लिये तैयार करते हैं उन्हें ईशवचन को सुनने के लिये तैयार करता और उन्हें जीवन की शिक्षा देता है।"  

‘देई वेरबुम’ नामक दस्तावेज़ की यह 50वीं वर्षगाठ है जिसमें यह ज़रूरी है कि हम इस सभा को दिव्य शब्द को समर्पित करें और पवित्र बाइबल पर चिन्तन करें जो सुसमाचार प्रचार का प्रमुख स्रोत है।

संत पापा ने कहा कि संत जोन पौल द्वितीय ने सन् 1986 में लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा था कि दिव्य वचन को अपने जीवन में लागू करें। सन् 2008 में भी धर्माध्यक्षों की महासभा ने ईश वचन को अपने जीवन और मिशन का केन्द्रबिन्दु कहा था।

उन्होंने कहा, " आज में आप को आमंत्रित करता हूँ कि आप भी परिषदी संविधान और ‘माजिस्तेरियुम’ में निहित ज्ञान से आनन्द के सुसमाचार का प्रचार प्रसार दुनिया के अंत तक करेँ।  संत जेरोम ने कहा, " ईशवचन की अनभिज्ञता येसु की अनभिज्ञता है।"

संत पापा ने कहा, "आज ज़रूरत है कि हम अपने पल्लियों, समुदायों, संगठनों और आन्दोलनों में येसु से मिलें जो अपने-आपको हमें ईशवचन द्वारा देता है। आप इस बात का ध्यान दें कि ईश्वचन का प्रचार हो और इसकी महिमा हो।"  

 

 








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