2015-06-18 15:55:00

मध्य पूर्वी देशों में शांति एवं न्याय हेतु प्रार्थना की अपील


वाटिकन सिटी, गुरूवार, 18 जून 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ कार्डिनल सांद्री ने पूर्वी रीति की कलीसियाओं को ‘आधुनिक शहीद’ की संज्ञा देते हुए मध्य पूर्वी देशों, ईराक, सीरिया तथा पवित्र भूमि के लिए शांति एवं न्याय हेतु प्रार्थना की अपील की।

वाटिकन में पूर्वी रीति की कलीसियाओं की मदद करने वाले संगठन ‘रोको’ की 88 वीं आम सभा के समापन पर बुधवार को, सभा के प्रतिभागियों के लिए पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कार्डिनल ने कहा, ″पूर्वी रीति की कलीसियाएँ अपने क्षेत्रों में हिंसा, अपहरण और रक्तपात के बीच भ्रातृत्व प्रदर्शित करते हुए ख्रीस्त का निरंतर एवं वीरतापूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत कर रहे हैं।″  

उन्होंने कहा, ″उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करने की आवश्यकता है जिन्होंने सीरिया और ईराक के भाई-बहनों की आर्थिक सहायता की है। अब तक काफी मदद की गयी है किन्तु आवश्यकता इतनी अधिक है कि वह मदद पर्याप्त नहीं है।″

कार्डिनल सांद्री ने रोको प्रतिभागियों को संत पापा द्वारा दिये गये संदेश की पुनरावृति करते हुए कहा कि मध्यपूर्व में चल रहा संघर्ष ऐसा प्रतीत होता है कि मानो यह जाड़े की ठिठुरती ठंढ़क हो तथा जिसमें मानव हृदय जम गया हो जिसके कारण युद्ध के अंत होने का कोई निशान ही नहीं दिखाई पड़ता। संत पापा ने कहा था कि इस क्षेत्र की भूमि से कई लोग शरणार्थी शिविर की खोज में पार हो चुके हैं तथा यह असंख्य लोगों के रक्त से सींचित हो चुका है जिसमें अपने विश्वास के कारण कई ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अत्याचार का शिकार होना पड़ा है।

एरबिल के खलदेई काथलिक महाधर्माध्यक्ष मान्यवर बशर वार्दा ने वाटिकन रेडियो को जानकारी देते हुए कहा कि सन् 2003 ई. में जब गल्फ देशों में युद्ध आरम्भ हुआ तब वहाँ ईराक के 9 विभिन्न कलीसियाओं के ख्रीस्तीयों की संख्या करीब 1.3 मिलियन थी किन्तु अब लगभग 3,00,000 ख्रीस्तीय ही बची रह गयी है।

 

 








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