2015-06-16 15:50:00

संत पापा ने ‘रोको’ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 16 जून 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि तेल एवं हथियारों द्वारा प्राप्त आर्थिक लाभ मध्यपूर्व में हज़ारों ख्रीस्तीयों के जीवन से बढ़कर है जिसके कारण शांति एवं न्याय के प्रचार में लगे लोगों को मृत्यु का शिकार होना पड़ रहा है।

संत पापा फ्राँसिस ने रोम में ‘रोको’ अथार्त् पूर्वी रीति की कलीसियाओं की मदद करने वाले संगठन की 88 वीं आम सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात कर कहा, मध्य पूर्व में जारी संघर्ष ″जाड़े की ठंढ की तरह है तथा मानव हृदय की कठोरता का प्रतीक है जो अंत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यह भूमि उन असंख्य लोगों के द्वारा पार किया जा चुका है जो शरण स्थान की खोज में भटक रहे हैं। यह धरती विश्वास के कारण अत्याचार सहने वाले कितने लोगों के खून से सिंचित हुआ है।

संत पापा ने पूर्वी कलीसिया तथा उसके धर्मगुरुओं को उनके दैनिक कार्यों एवं अनुभवों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जो लोगों के दुखों को बांट रहे हैं तथा जिन्होंने विश्वासियों को सुनने एवं उनकी सेवा का कार्य जारी रखा है।

संत पापा ने सभी प्रतिनिधियों को प्रोत्साहन दिया कि वे सभी मानवीय सहायता को ख्रीस्तीय पहुँच के अनुसार जारी रखें तथा सहानुभूति एवं करुणा के साथ देश की मदद करें।

उन्होंने कहा, ″हम अपनी आँखें खोलें तथा दुनिया की दुर्दशा पर ध्यान दें कई घायल भाई-बहनों को अपनी प्रतिष्ठा से वंचित होना पड़ रहा है। आइये, हम उनकी आवाज सुनें। उनका रुदन हमारा बन जाए ताकि उनके साथ मिलकर हम उदासीनता के घेरे को तोड़ सकें जो बहुधा छुपा पाखंड और स्वार्थ द्वारा लोगों के बीच राज्य करता है।″

संत पापा ने कहा कि हिंसा में अन्यायी तरीके से प्रभावित लोगों में जागृति लाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं किन्तु इस कार्य में सतत प्रयास द्वारा मौन समझौतों को खत्म किये जाने की आवश्यकता है जिसके तहत हज़ारों परिवार, पुरुष, महिला, वयोवृद्ध एवं बच्चों के जीवन को, तेल एवं हथियारों से होने वाले लाभ के अनुपात में कम आँका जा रहा है।  

संत पापा ने सदस्यों से अपील की कि वे ख्रीस्तीय उदारता द्वारा मानव प्रतिष्ठा की रक्षा में लोगों की सेवा करना जारी रखें।

 

संत पापा ने कहा कि ‘रोको’ प्राचीन ख्रीस्तीय समुदायों को सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई से जुड़े रहने में मदद करें विशेषकर युवाओं को आशा एवं विकास प्राप्त करने में सहायता दें। उन्होंने कहा कि इसके बिना विस्थापन को रोकना असम्भव है।

 

 








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