2015-06-16 15:00:00

यौन दुराचार मामले में ‘कठोर और न्यायपूर्ण’ जाँच हो


वाटिकन सिटी, 16 जून, 2015  (सीएनए) संत पापा के दोमिनिकन गणराज्य के प्रेरितिक राजदूत जोसेफ वेसोलोस्की का बाल यौन दुराचार मामले में वाटिकन के दण्ड न्यायालय में मुकदमा चलेगा।

वाटिकन से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि इस मामले में संत पापा चाहते हैं कि " कठोर तथा न्यायपूर्वक " जाँच हो।

इस संबंध में जानकारी देते हुएक वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेदेरिको लोमबारदी ने कहा, "जब इस इस प्रकरण के बारे में जानकारी दी गयी उसी समय बिना देरी के इसके बारे में जाँच शुरु कर दी गयी। प्रेरितिक राजदूत वेसेलोस्की को तुरन्त रोम बुला लिया गया ताकि उसपर मुकदमा चलाया जा सके।

विदित हो कि वेसोलोस्की पोलैंड निवासी सन् 2008 से दोमिनिकन गणराज्य के प्रेरितिक राजदूत के रूप में कार्यरत थे। उनके उपर बाल यौन दुराचार का आरोप लगते ही उन्हें सन् 2013  वापस बुला लिया गया।

जून 2014 में विश्वास के सिद्धांत के लिये बने संगठन द्वारा जाँच के बाद दोषी पाया गया और उन्हें सबसे कठोर धर्मवैधानिक सज़ा देने का निर्णय किया गया है।

वेसोलोस्की वाटिकन सिटी के दण्डात्मक अदालत में भी दोषी पाये गये हैं। इसके बाद से उन्हें वाटिकन में ‘हाउस अरेस्ट’ के रूप में रखा गया है।

वाटिकन प्रेस कार्यालय के अनुसार पूर्व प्रेरितिक राजदूत ने अपने रोम प्रवास के दौरान से लेकर अगस्त 2013 के अपने गिरफ़्तार होने तक कई अपराध किये।

नून्सियो पर जो आरोप लगाये गये थे वे दोमिनिकन गणराज्य की राजधानी सान्तो दोमिन्गो के न्यायिक अधिकारियों के सबूतों के आधार पर थे। बाद में 13 वर्षीय बालक ने इस बात की पुष्टि की प्रेरितिक राजदूत वेसोलोस्की ने उसे पैसे का लालच देकर यौन एहसान करने का आमंत्रण दिया था।     

अगस्त सन् 2014 में फादर लोमबारदी ने इस बात का स्पष्टीकरण दिया था कि लेसेवास्की को वाटिकन की राजदूत सेवा से मुक्त कर दिया गया। विदित हो वेसेलोस्की बोलेविया सहित कई अन्य सेंट्रल एशिया में भी प्रेरितिक राजदूत की सेवा दे चुके थे।
 

 



 

 








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