2015-06-15 16:33:00

ह्रदय को ‘दुनियावी आवाज़’ से बचायें


वाटिकन सिटी, सोमवार 15 जून, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 15 जून को वाटिकन सिटी के अतिथि आवास के सान्ता मार्था निवास में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए अपने ह्रदय की रक्षा करने पर प्रवचन दिये।

संत पापा ने कहा कि प्रत्येक ख्रीस्तीय को चाहिये वह ‘इच्छाओं’ और ‘दुनियावी शोर’ से अपने ह्रदय को बचाये रखना चाहिये ताकि वह हरदम ईश्वरीय कृपाओं को प्राप्त कर सके।

संत पापा ने कहा कि एक ऐसा ‘स्वीकार्य समय’ होता है जब ख्रीस्तीय ईश्वरीय कृपाओं को प्राप्त कर सकता है और वह समय ‘अभी’ है।

उन्होंने कहा, " एक ख्रीस्तीय को चाहिये कि वह अपने ह्रदय को तैयार करे ताकि वह ईश्वरीय कृपाओं को ग्रहण कर सके।"  

संत पापा ने कहा, " खीस्तीयों को चाहिये कि वे कृपाओं को बिना अर्थ के स्वीकार न करें। हमारी ओर से हम किसी भी वरदान को निन्दा का विषय न बनने दें।

वरदान निन्दा का विषय कैसे बनता है ? जब एक ख्रीस्तीय अपने को ख्रीस्तीय कहता, गिरजा जाता, पर ख्रीस्तीय के समान जीवन नहीं जीता है पर एक दुनियावी व्यक्ति के समान भटकता रहता है।

संत पापा ने कहा, " अपने ह्रदय की रक्षा कीजिये उन सब आवाज़ों से जो ईश्वर की ओर से नहीं आते हैँ। ये आवाज़ हमें शांति से दूर कर देते हैं। अगर आप शांति पाना चाहते हैं, तो ‘आँख के बदले आँख’ नहीं पर ‘दूसरा गाल भी उनके सामने कर दीजिये जो तुम्हारे गाल पर थप्पड़ मारते हैं।"

अपने बुरी इच्छाओं पर जीत पाने के लिये अपना ह्रदय नम्र बनाइये। नम्र और विनीत होकर आप कई लड़ाई जीत सकते हैं और अपनी शांति भी कायम रहेगी।    








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