2015-06-06 12:20:00

वाटिकन सिटीः सन्त पापा फ्राँसिस सारायेवो में एक दिन


वाटिकन सिटी, 06 जून सन् 2015 (सेदोक): विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस बोस्निया-एर्जेगोविना की राजधानी सारायेवो में अपनी एक दिवसीय यात्रा के लिये, शनिवार, 06 जून को, रोम समयानुसार प्रातः साढ़े सात बजे वाटिकन से रवाना हो गये। सन्त पापा फ्राँसिस की इटली से बाहर यह आठवीं प्रेरितिक यात्रा है।  

रोम से सारायेवो तक 531 किलो मीटर तक की दूरी सन्त पापा फ्राँसिस ने आल-इतालिया के ए-320 विमान से डेढ़ घण्टे में पूरी की।    

विगत 18 वर्षों में, बोस्निया –एर्जेगोविना में काथलिक कलीसिया के शीर्ष की यह तीसरी प्रेरितिक यात्रा है। इससे पूर्व सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने सन् 1997 तथा सन् 2003 में इस देश की यात्राएँ की थी।    

06 जून सन् 2015 को सन्त पापा फ्राँसिस की सारायेवो यात्रा का केन्द्रीय विषय एवं आदर्श वाक्य सन्त योहन रचित सुसमाचार से लिया गया हैः "तुम्हें शांति मिले"। इस यात्रा के लिये तैयार प्रतीक चित्र में क्रूस एवं जैतून की एक शाखा लिये एक कपोत को दर्शाया गया है। क्रूस मुक्ति का, जैतून जीवन का तथा कपोत शांति का प्रतीक माना जाता है। 

11 घण्टों वाली इस यात्रा का उद्देश्य यहाँ की काथलिक जनता में आशा का संचार करना तथा समस्त धर्मों के नेताओं से शांति एवं स्थायित्व हेतु कार्य करने की अपील करना है। वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा है कि सन्त पापा फ्रांसिस की सारायेवो यात्रा का प्रमुख लक्ष्य बोस्निया के मुसलमानों, ऑरथॉडोक्स ख्रीस्तीयों एवं काथलिक धर्मानुयायियों के बीच शांति और मेलमिलाप की स्थापना करना है जो बीस वर्ष पूर्व हुए युद्ध के बाद भी विभाजित हैं।

ग़ौरतलब है कि सदियों से बोस्निया-एर्जेगोविना की राजधानी सारायेवो "यूरोप का जैरूसालेम" कहा जाता रहा है जहाँ ख्रीस्तीय धर्म, इस्लाम धर्म तथा यहूदी धर्म एक साथ मिलकर शांतिपूर्ण रूप से जीवन यापन करते रहे हैं। दुर्भाग्यवश, 90 के दशक में, सोवियत संघ के विघटन के बाद, सारायेवो इन धर्मों के अनुयायियों के बीच वैमनस्यता का रंगमंच बन गया तथा ऑरथॉडोक्स ख्रीस्तीयों एवं बोस्नियाई मुसलमानों के बीच हिंसक युद्ध चला। युद्ध इतना भयंकर रहा कि लोग अपने प्रियजनों को दफ़नाने के लिये शहर के बाहर स्थित कब्रस्तान तक भी नहीं ले जा सके। इसी के चलते आज भी सारायेवो के स्टेडियम तक जाने वाला मार्ग कब्रों से भरा एक विचारोत्तेजक एवं अर्थगर्भित मार्ग बन गया है।        

सारायेवो में अपनी प्रेरितिक यात्रा से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विडियो सन्देश भेजा है जिसकी प्रकाशना वाटिकन द्वारा मंगलवार को की गई थी। सन्देश में सन्त पापा ने सारायेवो के लोगों से कहा है कि उनके देश की यात्रा करते वे अत्यधिक प्रसन्न हैं।

उन्होंने कहा, "आप सबके बीच शांति बनी रहे" यही मेरी यात्रा का आदर्श वाक्य है। ईश्वर की मदद से मैं आपके बीच आ रहा हूँ ताकि काथलिक धर्मानुयायियों को उनके विश्वास में सुदृढ़ कर सकूँ, ख्रीस्तीयों के बीच एकतावर्द्धक वार्ता तथा अन्य धर्मों के लोगों के साथ अन्तर-धार्मिक सम्वाद को बढ़ावा दे सकूँ तथा सबसे महत्वपूर्ण आपके देश में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रोत्साहन दे सकूँ। आप सबसे मेरा अनुरोध है कि आप मेरे साथ प्रार्थना में एकप्राण होवें ताकि मेरी यह प्रेरितिक यात्रा बोस्निया-एर्ज़ेगोविना के ख्रीस्तीय समुदाय एवं सम्पूर्ण समाज के लिये वांछित फल उत्पन्न कर सके।"  

विडियो सन्देश में काथलिकों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा थाः "आप काथलिकों को मैं प्रोत्साहन देता हूँ कि आप अपने देशवासियों के साथ विश्वास एवं ईश प्रेम के साक्षी बन कर खड़े रहे तथा ऐसे समाज के निर्माण में योगदान दें जो शांति, सह-अस्तित्व एवं सहयोग के मार्ग पर अग्रसर होवे।"   








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