2015-06-05 16:21:00

संत पापा ने किया अत्याचार के शिकार ख्रीस्तीयों का सम्मान


रोम, शुक्रवार, 5 जून 2015 (सीएनएस)꞉ ″हम अपने उन भाइयों एवं बहनों के साथ एकजुट हों जो प्रभु येसु में अपने विश्वास को प्रकट नहीं कर सकते हैं।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने गुरुवार 4 जून को संत जॉन लातेरन महागिरजाघर में कॉरपुस ख्रीस्ती महापर्व के अवसर पर समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उन्होंने पावन यूखरिस्त की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, पावन यूखरिस्तीय संस्कार ईश्वर के साथ व्यवस्थान की मुहर है जो ख्रीस्तीयों को एकता के सूत्र में बाँधता ताकि वे लोगों के बीच ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य दे सकें यहाँ तक कि जब उन्हें विश्वास की ऊँची कीमत चुकानी पड़े।

रोम स्थित संत जॉन लातेरन महागिरजाघर में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करने के पश्चात् पावन संस्कार के सम्मान में परम्परागत शोभायात्रा के साथ संत पापा एवं विश्वासी समुदाय प्रार्थना करते हुए एक मील की दूरी पर स्थित मरिया मेजर महागिरजाघर की ओर बढ़े।

संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि शहर से होते हुए शोभायात्रा के दौरान उन भाई बहनों की याद करें जिन्हें प्रभु येसु में अपने विश्वास को व्यक्त करने की स्वतंत्रता नहीं है।

उन्होंने कहा, ″उन भाई बहनों के साथ एक हों, उनके साथ भजन गायें, ईश्वर की स्तुति एवं आराधना करें। हम उन भाई बहनों का सम्मान करें जिन्हें ख्रीस्त के प्रति विश्वस्त रहने के कारण अपने जीवन का बलिदान करना पड़ा। उनका रक्त प्रभु के रक्त के साथ मिलकर समस्त संसार के लिए शांति एवं मेल-मिलाप की प्रतिज्ञा बन जाए।″

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तयाग हमें शुद्ध करता तथा ईश्वर की अद्भुत एकता में संयुक्त कर देता है। इस प्रकार हमें मालूम होता है कि यूखरिस्त हमारी अच्छाई का पुरस्कार नहीं किन्तु निर्बलों का बल, पापियों की क्षमा तथा ‘वियातिकुम’ अर्थात् राह खर्च है जो स्वर्ग राज्य की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है।

संत पापा ने धर्मविधि पाठ का संदर्भ लेते हुए कहा, ″इस पवित्र भोजन को खाओ ताकि ख्रीस्त के साथ तुम्हारी एकता का बंधन कभी टूटने न पाये। इस पवित्र प्याला में से पीयो जिसकी कीमत तुम्हारे लिए चुकाई गई है ताकि तुम अपने पाप के कारण अपना हृदय न खो दो।

संत पापा ने कहा, विभाजन एवं हृदय खोना, खतरा एवं जोखिम है किन्तु ख्रीस्त की देह एवं रक्त में उनकी उपस्थिति द्वारा ख्रीस्तीय धर्मानुयायी उनसे बचने की शक्ति प्राप्त करता है। जब हम प्रभु की वाणी के प्रति विनम्र नहीं है जब हम भाईचारे के साथ नहीं जीते, जब हम उत्तम स्थान की चाह में प्रतियोगिता करते हैं, जब हममें उदारता का साक्ष्य देने का साहस नहीं होता और जब हम आशा प्रदान करने के अयोग्य होते हैं तब हम बिखर जाते हैं।

किन्तु यूखरिस्त एकता का बंधन है, ख्रीस्त के निरंतर प्रेम का प्रतीक जो क्रूस पर मर गये ताकि हम एकता में बंधे रहें।

ख्रीस्त हमारे बीच रोटी और दाखरस के रूप में उपस्थित हैं तथा हम से मांग करते हैं कि प्रेम की शक्ति द्वारा सभी प्रकार के भेदभाव को दूर करें बल्कि ग़रीबों एवं निर्बलों के साथ एकजुट हों और दैनिक जीवन में अपने विश्वास की रक्षा हेतु संघर्ष कर रहे लोगों को सहयोग दें।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तानुयायी अपना हृदय खो देते हैं जब वे अपनी ख्रीस्तीय पहचान खो देते हैं अर्थात दिखावे एवं उपभोगतावाद जैसी इस युग की देव मूर्तियों की पूजा करने लगते हैं तथा सब कुछ के केंद्र में खुद को रख देते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी होने के नाते अहंकार को एक आकर्षक व्यक्तिगत गुण मान लेते हैं या अपने को हमेशा सही मान लेते हैं जो हमें गुनगुना, फीका, एवं सतही बनाता तथा हमारा मूल्य घटा देता है।

संत पापा ने कहा कि एक ख्रीस्त हमेशा यह ख्याल रखे कि वह कमजोर पापी है किन्तु ख्रीस्त का पावन रक्त उसे पाप से मुक्त करेगा एवं उसकी प्रतिष्ठा को बचायेगा।

पावनतम संस्कार को शोभायात्रा में ले जाने हेतु एक छोटे समतल ट्रक का प्रयोग किया गया। हज़ारों ख्रीस्त भक्तों में इस शोभायात्रा में भाग लेकर ख्रीस्त के पवित्र देह एवं रक्त के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया।

 








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