2015-06-01 10:55:00

जीवन की सुरक्षा सभ्यता के विकास का मापदण्ड, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार, 1 जून 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि सभ्यता के विकास को जीवन की सुरक्षा से मापा जा सकता है। 

शनिवार को वाटिकन में विज्ञान एवं जीवन सम्बन्धी विश्व संगठन के सदस्यों से मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "किसी सभ्यता का विकास जीवन की सुरक्षा की दिशा में उसकी क्षमता से मापा जा सकता है, विशेष रूप से, जब जीवन अति दुर्बल अवस्था में हो।"  

दूर फेंक देने एवं बहिष्कार कर देने की प्रवृत्ति से चिह्नित समाज में जीवन की सुरक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये सन्त पापा ने संगठन के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा, "ख्रीस्त का प्रेम हमसे आग्रह करता है कि हम सबसे छोटे एवं वयोवृद्धों के सेवक बनें, हम हर नारी और पुरुष के सेवक बनें जिनके माध्यम से जीवन के मौलिक अधिकार सुरक्षित रहते हैं।"

जीवन एवं मानव व्यक्ति की की पवित्रता पर अपनी दृष्टि एकाग्र  रखने का सन्त पापा फ्राँसिस ने संगठन के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया ताकि विज्ञान सचमुच में मानव की सेवा के लिये ना कि मानव विज्ञान की सेवा के लिये।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि तकनीकी प्रगति के बजाय समाज के विकास का मापदण्ड जीवन की रक्षा हेतु उसकी क्षमता पर आधारित है। उन्होंने कहा, "गर्भपात मानव जीवन पर आक्रमण है। सिसली द्वीप पर आप्रवासियों से भरी नावों पर हमारे भाइयों को छोड़ देना जीवन पर आक्रमण है। नौकरी करते समय मौत हो जाना जीवन पर आक्रमण है क्योंकि इसमें सुरक्षा की स्थितियों का  सम्मान नहीं किया जाता है।"           

इनके अतिरिक्त, कुपोषण, आतंकवाद, युद्ध, हिंसा तथा सुख मृत्यु को भी सन्त पापा ने जीवन पर आक्रमण गिनाया तथा जीवन की संस्कृति को पोषित एवं प्रोत्साहित करने का सबसे अनुरोध किया।

विज्ञान जगत के साथ फलप्रद वार्ताओं का आह्वान कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ग़ैरविश्वासी वैज्ञानिकों को भी मानव जीवन के रहस्य के प्रति उदार रहना चाहिये।  








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