2015-06-01 10:45:00

आईआईटी मद्रास को अनुसूचित जाति आयोग का नोटिस


नई दिल्ली, सोमवार, 1 जून 2015 (पीटीआई): आईआईटी-मद्रास द्वारा दलित छात्रों के समूह 'आंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल' पर प्रतिबंध लगाने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने संस्थान को नोटिस भेजा है। इस मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की भी मांग की है।

विगत दिनों आईआईटी-मद्रास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की नीतियों की कथित तौर पर आलोचना करने के लिये उक्त छात्र समूह पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। आईआईटी मद्रास का आरोप है कि दलित छात्र समूह ने संस्थान के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।

शुक्रवार को मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था इस प्रतिबंध के पीछे केंद्र सरकार का हाथ नहीं है क्योंकि यह निर्णय संस्थान के प्रबंधन ने विशेषाधिकारों के दुरुपयोग और दिशानिर्देशों के उल्लंघन की बुनियाद पर लिया है।

अनसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने कहा है कि उन्होंने आईआईटी-मद्रास को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, "मैंने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए (संस्थान को) नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। हम आगे इस संदर्भ में कार्रवाई करेंगे।"  उन्होंने कहा, "आईआईटी मद्रास ने बहुत ही खतरनाक काम किया गया है। कैंपस में उभरते हुए नौजवानों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। इस तरह से प्रतिबंध लगाना गला घोंटने जैसा कदम है। यह पूरी तरह गलत है।"  

पूनिया ने यह भी आरोप लगाया कि इस सरकार के समय दलित विरोधी घटनाओं में इजाफा हुआ है तथा सरकार वंचित वर्ग की जरुरतों को लेकर संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाओं में इजाफा हुआ है। ये कोई साधारण घटनाएं नहीं हैं। ये बहुत गंभीर घटनाएं हैं।"  








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