2015-05-29 17:25:00

सच्चा विश्वास अनोखा कार्य करता है


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 29 मई को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कहा कि सच्चा विश्वास अन्यों के प्रति उदार होता है वह क्षमा प्रदान करता एवं अनोखे कार्य सम्पन्न करता है। ईश्वर हमें स्वार्थी व्यापारी बनने में मदद नहीं करते हैं।

उन्होंने प्रवचन में संत मारकुस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु अंजीर के पेड़ को फलरहित होने के कारण अभिशाप देते हैं।

सुसमाचार पाठ में तीन प्रकार के लोगों के जीवन को प्रस्तुत किया गया है, अंजीर का फलहीन पेड़, मंदिर का व्यापारी तथा विश्वासी व्यक्ति।

संत पापा ने कहा, ″अंजीर का बांझ पेड़, एक ऐसे जीवन का प्रतीक है जो कुछ नहीं दे सकता। एक ऐसा जीवन जो फल लाने की क्षमता रखते हुए भी कोई भला काम करने में असमर्थ हो।″ संत पापा ने कहा कि वह अपने लिए जीता है, चुपचाप, स्वार्थी तथा कोई भी समस्या लेना नहीं चाहता। येसु ने अंजीर के पेड़ को अभिशाप दिया क्योंकि उसमें फल नहीं थे। ऐसा व्यक्ति किसी की मदद नहीं करता, वह सिर्फ अपने लिए जीता है जिससे कि वह कुछ भी न खो दे। येसु आध्यात्मिक रूप से बांझ ऐसे लोगों की कड़ी निंदा करते हैं क्योंकि वे सिर्फ अपने लिए जीते तथा कुछ भी खोना नहीं चाहते हैं।

संत पापा ने दूसरे प्रकार के जीवन पर प्रकाश डाला जो शोषकों का जीवन है। मंदिर में व्यापार करने वाले व्यापारियों का जीवन। वे ईश्वर के पवित्र स्थल में भी लोगों का शोषण करते थे, पैसों का आदान-प्रदान करते तथा बलिदान के लिए जानवरों को बेचते थे। व्यापार का यह कार्य मंदिर के याजकों द्वारा न केवल सहन किया जा रहा था किन्तु उनके द्वारा अनुमति भी दी जाती थी। संत पापा ने कहा कि ये लोग धार्मिक स्थल में व्यापार करते थे तथा ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु दूर से आने वाले तीर्थयात्रियों के साथ भी छल करते थे। याजक वहाँ प्रार्थना करना और धर्म की शिक्षा नहीं देते थे जिसके कारण वह चोरों का अड्डा बन गया था। वे मात्र खाली धार्मिक रीतियाँ पूरी करते जो कि करुणा रहित होती थी। वे ईश्वर की चीजों का प्रयोग अपने स्वार्थ के लिए किया करते थे।

संत पापा ने तीसरे जीवन के बारे कहा कि यह ‘विश्वासियों का जीवन’ है जैसा कि येसु द्वारा दर्शाया गया है ईश्वर में विश्वास करो। ″यदि कोई इस पहाड़ से कहे ‘उठ और समुद्र में जा गिर जा’ तथा अपने हृदय में संदेह न करे किन्तु विश्वास करे कि उसने जो कहा है वह पूरा हो जायेगा तो वह आवश्य पूरा होगा।″ संत पापा ने विश्वासियों से कहा कि वे अपनी आवश्यकताओं के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें किन्तु विश्वास के साथ। उन्होंने कहा कि इसके लिए बस एक ही शर्त है कि प्रार्थना करने के पूर्व अगर किसी के साथ मन मुटाव है तो उसे क्षमा कर दें क्योंकि स्वर्गीय पिता हमारे हर दोष माफ करते हैं। संत पापा ने कहा कि तीसरे प्रकार का जीवन विश्वास का हो जो अन्यों की मदद करता तथा उन्हें ईश्वर के करीब आने में सहायता करता है ऐसा विश्वास बड़ा चमत्कार करता है। 

 








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