2015-05-28 15:56:00

फ्राँसिसकन बुलाहट ‘न्यूनता’ एवं ‘भ्रातृत्व’ पर केंद्रित


वाटिकन सिटी, शनिवार, 28 मई 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 26 मई को फ्रायर मायनर धर्मसमाज की सर्वोच्च आम सभा में भाग ले रहे सदस्यों से मुलाकात की।

उन्हें सम्बोधित करते हुए संत पापा ने दो मुख्य बातों पर प्रकाश डाला, फ़्रांसीसी पहचान के आवश्यक तत्व ‘न्यूनता’ अर्थात अल्पता की भावना तथा ‘भ्रातृत्व’।

उन्होंने कहा, ″निम्न होने की भावना उसे ईश्वर के सम्मुख छोटे होने तथा अपने आपको पूर्ण रूपेण ईश्वर की असीम करुणा को समर्पित करने हेतु प्रेरित करता है। व्यक्ति को छोटा और पापी होने का एहसास उसे मुक्ति प्राप्त करने में मदद करता है। दूसरी ओर जो लोग किसी चीज की आवश्यकता महसूस नहीं करते वे ईश्वर की करुणा एवं मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकते हैं। संत पापा ने कहा कि न्यूनता का अर्थ है ग़रीबों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद द्वारा ईश्वर की करुणा का साक्ष्य देने हेतु अपने आप, अपनी संरचना, इच्छा एवं सुरक्षा की भावना से बाहर आना।

फ्रांसिसी पहचान के आवश्यक दूसरे तत्व भ्रातृत्व या भाईचारे पर विचार करते हुए संत पापा ने कहा कि इसका उदाहरण आरम्भिक कलीसिया में पाया जाता है। वह है भ्रातृत्व पूर्ण समुदाय जो एकता एवं उदारता का एक आकर्षक समुदाय। संत पापा ने कहा कि फ्राँसिसकन धर्मसमाज के सभी सदस्य आपसी रिश्तों में इसी भ्रातृत्व के ठोस रूप को व्यक्त करने के लिए बुलाये जाते हैं जिससे कि संसार देखे, पहचाने और विश्वास करे कि ख्रीस्त का प्रेम हमारे घावों को चंगा कर हमें एकता के सूत्र में बाँध सकता है।

संत पापा ने ख्रीस्तीयता एवं धार्मिक जीवन जीने का महत्वपूर्ण बतलाते हुए कहा, ″एक ख्रीस्तीय एवं धार्मिक जीवन जीना कितना महत्वपूर्ण है। विवाद एवं बकवास में उलझने की अपेक्षा, सभी के साथ वार्तालाप, विनम्रता, दीनता, चीजों के अभाव आदि की भावना को स्वीकार करते हुए शांति का प्रचार करें तथा जो कुछ प्राप्त हो उसमें संतुष्ट रहें। उन्होंने कहा कि फ्राँसिसन धर्मसमाज के सदस्यों को गरीबी एवं न्यूनता की बुलाहट के प्रति समर्पित होना चाहिए।

संत पापा ने याद दिलाया कि पवित्र आत्मा ही धर्मसमाजी जीवन को संचालित करता है। उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा चुनौतियों का सामना करने में उनकी मदद करे।

 

 








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