2015-05-28 16:08:00

तीन प्रकार के ख्रीस्तीय


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 28 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ कुछ लोग ऐसे हैं जो येसु से दूर चले जाते हैं क्योंकि वे सिर्फ ईश्वर एवं अपने बीच के संबंध पर ध्यान देते, वे व्यापारी अथवा सांसारिक व्यक्ति हैं किन्तु कुछ ख्रीस्तीय ऐसे हैं जो उन लोगों के रोने की आवाज को सुन सकते हैं जो वास्तव में प्रभु की खोज कर रहे हैं।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

प्रवचन में उन्होंने उस सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ बारतिमेयुस नामक अंधा व्यक्ति येसु से पुकार कर चंगा करने की अर्जी करता है जबकि चेलों द्वारा उसे डाँटा एवं चुप रहने का आदेश दिया जाता है।

संत पापा ने तीन प्रकार के ख्रीस्तीयों को प्रस्तुत किया-

पहले प्रकार के ख्रीस्तीय सिर्फ येसु एवं अपने संबंध पर महत्व देते हैं। संत पापा ने कहा कि वे अपने स्वार्थ में बंद हैं और दूसरों की आवाज को सुन नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, ″एक प्रकार के लोग आज भी लोगों की आवाज सुन नहीं पाते जिन्हें येसु की आवश्यकता है। यह उदासीन दल है जो किसी की आवाज नहीं सुनती। उसका मानना है कि जीवन सिर्फ उसी छोटे दल के घेरे तक सीमित है। संत पापा ने उस प्रकार के लोगों को स्वार्थी कहा जो सिर्फ खुद की ही चिंता करते हैं।

दूसरे प्रकार के ख्रीस्तीयों के बारे में बतलाते हुए संत पापा ने कहा कि वे लोग मदद की गुहार लगाने वाले लोगों की आवाज सुन सकते हैं किन्तु वे उसे बंद करने का प्रयास करते हैं जैसा कि चेलों ने उस अंधे व्यक्ति के साथ किया जो येसु को पुकार रहा था। संत पापा ने कहा कि जो लोग येसु से दूर हैं जिन्हें विश्वास तथा मुक्ति की आवश्यकता है वे उन्हें पुकारते हैं। दूसरी ओर वे लोग येसु के करीब थे जो व्यापारी थे। वे येसु के नजदीक मंदिर में रहते थे तथा धर्मी प्रतीत होते थे किन्तु येसु ने उन्हें खदेड़ दिया क्योंकि उन्होंने ईश्वर के घर में धंधा किया। संत पापा ने कहा, ऐसे लोग मदद की गुहार को सुनते हैं किन्तु व्यापार करना अधिक पसंद करते हैं जिसके कारण अपने व्यापार के लिए वे ईश प्रजा एवं गिरजाघर का भी प्रयोग करते हैं। संत पापा ने कहा कि ऐसे ख्रीस्तीय साक्ष्य नहीं देते, वे नाम मात्र के ख्रीस्तीय हैं वे ख्रीस्तीयों के साथ रहते, उनका स्वागत करते हैं किन्तु वास्तविक जीवन में वे ख्रीस्तीय नहीं हैं क्योंकि उनका कार्य सांसारिक है। जो लोग अपने आपको ख्रीस्तीय कहते किन्तु दुनियावी जीवन जीते हैं वे उन लोगों के समान हैं जिन्हें डांटते हुए येसु ने कहा था वे अपना सारा बोझ अन्यों के कंधों पर डालते हैं। वे मदद करने की अपेक्षा उन्हें मुक्ति से दूर कर देते हैं। 

संत पापा ने एक तीसरे प्रकार के ख्रीस्तीयों को प्रस्तुत किया जो लोगों की मदद येसु के नजदीक आने में करते हैं। उनके विश्वास तथा लोगों की मदद करने में सामंजस्य होता है।

संत पापा ने विश्वासियों से अपील की कि वे अंतःकरण की जाँच करें तथा देखें कि वे किस तरह के ख्रीस्तीय हैं क्या वे लोगों को येसु के करीब आने में मदद करते हैं या उन्हें येसु से दूर करते हैं?








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