2015-05-22 11:49:00

धार्मिक भेदभाव के कारण एक मुसलमान स्नातक को नहीं मिली नौकरी


मुम्बई, शुक्रवार, 22 मई 2015 (ऊका समाचार): मुंबई में एमबीए के छात्र ज़ीशान अली ख़ान ने गुरुवार को कुर्ला पुलिस में एक शिकायत दर्ज़ कर आरोप लगाया है कि 'हरे कृष्णा एक्सपोर्ट्स लिमिटेड'  नामक डायमंड कंपनी ने मुसलमान होने के कारण उन्हें नौकरी देने से मना कर दिया है।

जीशान ने मार्केटिंग की पोस्ट के लिए आवेदन दिया था किन्तु कम्पनी ने आवेदन के लिये शुक्रिया अदा कर कह दिया कि कम्पनी केवल ग़ैरमुसलमानों को नौकरी देती है।

ज़ीशान ने कंपनी से मिले कथित पत्र को फ़ेसबुक पर डाल दिया जिसके बाद कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी और कम्पनी के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की।  

इस बीच, भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नसीम अहमद ने उक्त मामले की जाँचपड़ताल का आदेश दिया है।

कम्पनी ने माफी मांगते हुए स्पष्ट किया है कि वह धर्म, जाति या नस्ल के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती। अपने स्पष्टीकरण में कम्पनी के मालिकों ने कहा कि आवेदक को जवाब कम्पनी के किसी नये व्यक्ति ने दिया था इसलिये भूल हो गई।

महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एकनाथ खाडसे ने भी धार्मिक भेदभाव के लिये कम्पनी की निन्दा की है तथा आश्वासन दिया है कि इस प्रकार की भूल करनेवाली कम्पनी पर कार्र्वाई की जायेगी।

मानवाधिकार कार्यकर्त्ता शहज़ाद पूनावाला ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग तथा केन्द्रीय गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।  








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