2015-05-19 15:36:00

रोम धर्मप्रांत के धर्मसंघियों को संत पापा ने सम्बोधित किया


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 19 मई 2015 (सी एन एस)꞉ परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय में शीर्ष अधिकारी के रूप में महिलाओं की भी नियुक्ति की जानी चाहिए किन्तु काथलिक कलीसिया में महिलाओं की इतनी सी भूमिका पर्याप्त नहीं है। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार, 16 मई को रोम धर्मप्रांत के धर्मसंघियों को सम्बोधित करते हुए कहा।

उन्होंने कहा, ″महिलाओं को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए किन्तु मात्र कुछ महिलाओं को नेतृत्व के पद पर नियुक्त कर देना ‘मात्र व्यवहारिकता’ है। महत्वपूर्ण बात ये है कि क्या महिलाओं की आवाज है? क्या यह सुनी जाती है क्योंकि कलीसिया को उनके ख़ास सहयोग की आवश्यकता है।″

संत पापा ने पुरूषों एवं महिला धर्मसंघियों की समस्याओं के समाधान के तरीक़ों में भिन्नता को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब समस्याएँ पुरुषों के बीच में आती हैं तब वे निष्कर्ष पर आ जाते हैं किन्तु वही समस्या महिलाओं के साथ होती है तो निष्कर्ष में फर्क हो सकता है। यद्यपि समाधान के तरीके एक हो सकते हैं तथापि यह अधिक समृद्ध, सुदृढ़ और सहज ज्ञान युक्त हो जाता है। संत पापा ने जोर देते हुए कहा कि कलीसिया में महिलाओं की इस भूमिका का होना आवश्यक है क्योंकि कलीसिया को ‘स्त्री प्रतिभा’ की जरूरत है।

धर्मसंघियों के साथ इस लम्बी मुलाकात में उन्होंने उनके कई सवालों के उत्तर दिये। उन्होंने आध्यात्मिक सलाहकार के संबंध में कहा कि आध्यात्मिक संचालक के रूप में यदि एक पुरोहित समर्पित जीवन के गूढ़़ अर्थ को न समझता हो और न ही धर्मसमाज की विशिष्टता से अवगत हो तथा वह अपना ही व्याख्यान देता है जिसके कारण आध्यात्मिक संचालक भी एक समस्या बन सकता है।

मेल मिलाप संस्कार के बारे में संत पापा ने कहा कि यह साधारण बात-चीत या मस्ती का समय नहीं है और न ही इसमें बहुत अधिक कड़ाई की जानी चाहिए।

संत पापा ने धर्मबहनों को अपने ही समुदाय के किसी एक धर्मबहन को आध्यात्मिक सलाहकार चुनने हेतु प्रोत्साहन दिया।

संत पापा ने सभी बातों में एक महत्वपूर्ण बात पर ध्यान रखने की सलाह दी और कहा कि प्रेम वास्तविक है।

उन्होंने कहा, ″एक महिला के समान आपका मातृ तुल्य प्रेम एक ठोस प्रेम है।″ संत पापा ने  सुसमाचार में निहित सच्चे प्रेम की याद दिलाते हुए कहा कि सच्चा ख्रीस्तीय प्रेम भूखों को खिलाने, प्यासों को पिलाने, नंगे को पहनाने तथा कैदियों से मुलाकात करने के द्वारा प्रकट होता है। 








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