2015-05-02 15:40:00

संत पापा ने की इसेर्निया के तीर्थयात्रियों से मुलाकात


वाटिकन सिटी, शनिवार, 2 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में संत पापा फ्राँसिस ने 2 मई को इसेर्निया वेराफ्रो धर्मप्रांत के 7,000 तीर्थयात्रियों को दर्शन देकर उन्हें सम्बोधित किया।

मुलाकात में संत पापा ने लोगों की प्रमुख समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि आपसी मुलाकात के इस प्रसन्नचित माहौल में हम उन गंभीर समस्याओं को भी नहीं भूल सकते हैं जो आपको बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं, विशेषकर, बेरोजगारी की समस्या। इस समस्या से युवा सीधे तौर से प्रभावित हो रहे हैं। उसी से संलग्न दूसरी समस्या है पर्याप्त मौलिक सुविधाओं का अभाव। यह समस्या खासकर कर, परिवारों, वयोवृद्धों एवं विकलांग लोगों की चिंताजनक स्थिति के कारण विश्वासियों, संस्थाओं और विभिन्न नागरिक दलों को एकजुट होने का अह्वान कर रही है।

संत पापा ने धर्मप्रांत की इच्छा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धर्मप्रांत में ऐसे मिशनरियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है जो सामान्य परिस्थिति से ऊपर उठकर विश्वासियों की अधिक मदद कर सकें। वे सभी लोगों को ख्रीस्त के प्रेम में एकत्र करें, खासकर, एकाकी, हाशिए पर जीवन यापन कर रहे लोगों, दुःख एवं अत्याचार के शिकार लोगों, अन्याय से पीड़ित और मानवीय शब्दों के परे ईश्वर की खोज करने वालों की सहायता कर सकें।

संत पापा ने कहा कि सभी पल्लियाँ सुसमाचार सुनने और सुनाने का एक विशेष स्थल बनें। यह यूखरिस्तीय भोज में एकत्र होने का पावन स्थान बने तथा एकता का वह सच्चा स्कूल हो जहां सतही धार्मिकता एवं सूखापन पर उदारता की जीत हो।

संत पापा ने कहा, ″जब समस्याएँ बेहतर भविष्य को कलंकित करने सा प्रतीत होती हों, जब लोग असफलता एवं खालीपन का अनुभव करते हों, तो यही वह समय है जब ख्रीस्तीय आशा कारगर होती है जो पुनर्जीवित ख्रीस्त द्वारा स्थापित है तथा जरूरतमंद लोगों के प्रति उदारता द्वारा पूर्ण होती है।″ संत पापा ने विश्वासियों को सलाह दी कि चैरिटी के कार्यों में अधिक ध्यान देते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल करें ताकि बेघर एवं बेरोजगार, वयोवृद्ध और ग़रीबी लोगों की आवश्यक मदद की जा सके और विविधता, न्याय तथा सद्भावना का सम्मान हो सके।

संत पापा ने सभी को आपस में सद्भावना बनाये रखने की सलाह दी। 








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