रोम, बुधवार, 29 अप्रैल 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि निर्धनता की सर्वाधिक प्रभावशाली शिक्षा हमें प्रभु येसु ख्रीस्त से मिली है और निर्धनों में ही हम येसु के मुखमण्डल के दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि निर्धनों को एक बोझ न समझा जाये बल्कि उनकी सहायता का हर सम्भव प्रयास किया जाये।
विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास की रोम शाखा द्वारा आयोजित एक चैरिटी कार्यक्रम में, मंगलवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विडियो सन्देश भेजकर यह बातें कही।
रोम की ब्राकान्ज्जयो रंगशाला द्वारा आयोजित कार्यक्रम का लक्ष्य ज़रूरतमन्दों के लिये चन्दा एकत्र करना था। इस कार्यक्रम के कलाकार पेशेवर अभिनेता और अभिनेत्री नहीं थे बल्कि रोम के कारितास हॉस्टल में शरण पाने वाले निर्धन और ज़रूरतमन्द लोग थे। नृत्य एवं गीतों से भरे रंगारंग कार्यक्रम का विषय था "प्रेम"। इसके तहत कलाकारों ने प्रेम पर आधारित अपनी कहानियाँ सुनाई तथा बच्चों, माता-पिता, जीवन एवं ईश्वर के प्रति प्रेम को रेखांकित किया।
अपने विडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कलाकारों से कहा कि वे अपने प्रदर्शन द्वारा केवल प्रेम को परिभाषित ही नहीं कर रहे थे अपितु "प्रेम" विषय पर आधारित अनमोल शिक्षा के साथ-साथ, हमारे बीच विद्यमान एक दूसरे की ज़रूरत, एकात्मता तथा, कठिनाइयों के बावजूद, ईश प्रेम की खोज का सन्देश प्रसारित कर रहे थे।
सन्त पापा ने कहा, "निर्धनता वह महान शिक्षा है जो हमें येसु ख्रीस्त से मिली है इसलिये निर्धन लोग कभी भी एक बोझ नहीं हो सकते। इसके विपरीत, निर्धन वे अनमोल संसाधन हैं जिनके माध्यम से हम प्रभु येसु के मुखमण्डल की खोज करते हैं।"
सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि रोम शहर, युद्ध एवं मृत्यु से भाग कर शरण खोजनेवाले पीड़ित लोगों के प्रति, अपनी दया और करुणा के कारण चमक उठे तथा उन लोगों की आशा बने जो आशा को पूर्णतः खो चुके हैं।
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