2015-04-29 15:01:00

काना में विवाह भोज


वाटिकन सिटी, बुधवार 29  अप्रैल,  2015 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में  विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में परिवार की बुलाहट और मिशन विषय पर होने वाली अगली सिनॉद को ध्यान में रखते हुए हम परिवार पर चिन्तन करना जारी रखें।

आज हम काना में विवाह भोज पर चिन्तन करें जहाँ येसु ने एक चमत्कार दिखलाया था। उन्होंने  अपनी माँ मरिया के कहने पर पानी को दाखरस में बदल डाला था। इस तरह से उन्होंने विवाहित दम्पति के प्रति अपनी चिन्ता दिखलाते हुए उनकी मदद की थी। इस मदद में जो बातें छिपीं हुई हैं उनसे हम विवाह की महत्ता के बारे में  जानकारी प्राप्त करते हैँ।

आज समाज में शादी –विवाह कम होता जा रहा है। कई अन्य देशों में विवाह का टूट जाना आम बात हो गयी है। और दूसरी ओर बच्चों की संख्या कम होती जा रहीं हैं।

इस तरह के वैवाहिक बन्धन युवाओं को प्रभावित करते हैं।  आज के युवा सोचते हैं कि विवाह अस्थायी ही होता है।

कई युवा तो इस तरह की विवाह की स्थिति को देख कर भयभीत होते हैं। विवाह की असफलताओं को देखकर व येसु की उस प्रतिज्ञाओं पर से भी उनकी आस्था कम होती है।

फिर भी  हम इस सत्य को नहीं नकार सकते कि मनुष्य एक सुरक्षित जीवन चाहता है। वह चाहता है कि उसका संबंध बना रहे और उसका परिवार खुशहाल रहे।

वैवाहिक जीवन की सफलता का सबसे बड़ा साक्ष्य है अच्छा वैवाहिक जीवन जीना। ईश्वर द्वारा दिये गये प्रेम को एक – दूसरे को समर्पित कर देना तथा अपना जीवन शांति और पूर्ण विश्वास के व्यतीत करना।

इस प्रकार के ईश्वरीय प्रेम को और ही अधिक प्रभावकारी बनाने के लिये ईश्वर हमारे लिये विवाहित दम्पति को चाहिये कि वह अपनी बराबरी की क्षमता का उपयोग करते  हुए  संतान उत्पन्न करें।

आइये आज हम प्रार्थना करे ताकि वैवाहिक जीवन में ख्रीस्तीय मरियम और येसु को आमंत्रित करें ताकि वे सिर्फ़ अपने लिये विवाह न करे पर समुदाय और पूरे मानव समाज को समृद्ध करें।

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया,  वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने, दक्षिण कोरिया  फिनलैंड,  ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. फिनलैंड, जापान, उगान्डा, मॉल्टा, डेनमार्क, कतार, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

 

 








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