2015-04-27 12:35:00

नई दिल्लीः चर्च हमले में लड़के की गिरफ्तारी पर ख्रीस्तीयों को आशंका


नई दिल्ली, 27 अप्रैल सन् 2015 (ऊका समाचार): आगरा के एक गिरजाघर पर 16 अप्रैल को किये हमले के मामले में पुलिस ने हैदर नाम के एक मुसलमान युवक को गिरफ्तार किया है किन्तु ख्रीस्तीय नेताओं को आशंका है कि असली अपराधियों को बचाने के लिये हैदर को इस हमले का ज़िम्मेदार बताया जा रहा है।

16 अप्रैल को आगरा के सेन्ट मेरीज़ गिरजाघर में तोड़-फोड़ मचाई गई थी तथा मरियम की एक प्रतिमा पर कुत्ते का कॉलर बाँध दिया गया था।

पुलिस का कहना है कि मादक पदार्थों के सेवन के बाद युवक ने गिरजाघर पर हमला किया था। हमले का कारण उन्होंने प्रेयसी से न मिल सकना बताया और कहा कि हैदर की प्रेयसी गिरजाघर आया करती थी।

पुलिस अधिकारी राजेश मोदक ने ऊका समाचार से कहा कि रिक्शा चालक हैदर ने अपराध कबूल लिया है तथा कहा है क्रोध में आकर उसने गिरजाघर पर हमला किया था।

हालांकि, ख्रीस्तीय नेता पुलिस के वकतव्य से सन्तुष्ट नहीं हैं क्योंकि विगत माहों में कई बार हिन्दू चरमपंथियों ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र सहित अनेक राज्यों में ख्रीस्तीय आराधना स्थलों पर हमले किये हैं तथा कई मामलों में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

देहली महाधर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर सवारीमुत्तु शंकर ने कहा, "यह सम्भव नहीं उसने अकेले ही तोड़-फोड़ को अन्जाम दिया हो। पुलिस का वकतव्य विश्वासयोग्य नहीं है। हम इस मामले में एक स्वतंत्र जाँच-पड़ताल की मांग करते हैं।"

फादर शंकर तथा अन्य ख्रीस्तीय नेताओं ने पुलिस पर असली अपराधियों को छिपाने का आरोप लगाया और स्मरण दिलाया कि विगत दिसम्बर माह से अब तक देहली में छः गिरजाघरों, अन्य राज्यों में कलीसियाई संस्थाओं एवं कई कलीसियाई कार्यकर्त्ताओं पर हमले किये गये तथा एक वृद्ध धर्मबहन का सामूहिक बलात्कार भी किया गया।

देहली के काथलिक पुरोहित तथा मीडिया विशेषज्ञ फादर दोमनिक एम्मानुएल ने भी पुलिस के आधिकारिक वकतव्य पर आशंका व्यक्त की है तथा इसे सन्देहात्मक निरूपित कर स्वतंत्र एवं न्यायोचित जाँच पड़ताल की मांग की है।

ग़ौरतलब है कि आगरा के गिरजाघर पर हमले के बाद विगत गुरुवार को लखनऊ धर्मप्रान्त के 10 ज़िलों में लगभग 100 ख्रीस्तीय स्कूल बन्द रहे थे। विरोध प्रदर्शन में ख्रीस्तीयों के साथ-साथ  मुसलमानों एवं सिक्खों ने भी हिस्सा लिया था।    








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