2015-04-22 12:02:00

मानव तस्करी के विरुद्ध वाटिकन ने किया एक विश्वव्यापी एजेन्सी का प्रस्ताव


वाटिकन सिटी, बुधवार, 22 अप्रैल 2015 (सेदोक): वाटिकन में सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के विद्धानों ने इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया है कि इटली पहुँचने का प्रयास करनेवाले शरणार्थियों पर यूरोपीय समुदाय के देशों के बीच साझा ज़िम्मेदारी अनुपस्थित है।

मंगलवार को वाटिकन में उक्त परमधर्मपीठीय परिषद की पूर्णकालिक सभा की पाँच दिवसीय बैठकें सम्पन्न हुई। इन बैठकों में वाटिकन के विद्धानों ने यह प्रस्ताव रखा कि मानव तस्करी को मानवजाति के विरुद्ध अपराध घोषित किया जाये तथा इस बुराई के उन्मूलन हेतु एक संयुक्त राष्ट्र एजेन्सी की स्थापना की जाये।

सन्त पापा फ्राँसिस ने मानव तस्करी तथा विश्वव्यापी एजेन्सी के मुद्दे पर एक सम्मेलन का आह्वान किया है।

सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद की बैठकों का उदघाटन करते हुए इटली स्थित बोलोन्या विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक स्तेफानो ज़ामान्यी ने कहा कि "ज़रूरत है एक ऐसे विश्वव्यापी संगठन की जिसके पास मानव तस्करी तथा इसके क्रूर प्रकार जैसे वेश्यावृत्ति, यौन शोषण, बलात श्रम तथा अवैध जननांग प्रतिरोपण के विरुद्ध नियम जारी करने का अधिकार हो।"

उन्होंने कहा, "इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ही हमने अकादमी विशेषज्ञों, शोधकर्त्ताओं, संगठन अध्यक्षों एवं नीति-निर्माताओं मानव तस्करी के गम्भीर विषय पर विचार-विमर्श हेतु एकत्र किया था।" 

प्रोफेसर ज़ामान्यी ने कहा कि केवल नैतिकता के आधार पर ही मानव तस्करी का खण्डन नहीं किया जाना चाहिये बल्कि कानूनन इसे मानवजाति के विरुद्ध अपराध घोषित किया जाना चाहिये। 








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