2015-04-16 15:33:00

मेल-मिलाप, न्याय तथा शांति के शस्त्र धारण कर सच्चे मिशनरी बने


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 अप्रैल 2015 (वीआर सेदोक)꞉ केन्या के काथलिक धर्माध्यक्षों से सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि वे मेल-मिलाप, न्याय तथा शांति के शस्त्र धारण कर कलीसिया के सच्चे मिशनरी बने रहें।

कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात, "आद लीमिना" के लिये केन्या से रोम पधारे काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात कर सन्त पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को केन्याई धर्माध्यक्षों को सामूहिक रूप से सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने केन्या की  काथलिक कलीसिया की स्थिति पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया।

उन्होंने कहा, ″मैं केन्या को उसके धार्मिक उत्साह, आशा तथा कलीसिया की सेवा द्वारा ख्रीस्त की सेवा हेतु समर्पित गुरूकुल छात्रों के कारण विशेष रूप से याद करता हूँ। एक व्यक्ति जो सेमिनरी प्रवेश करता है उसमें बुलाहट का बीज काफी पहले बोया गया है, उसके परिवार में ही जो सेमिनरी में प्रशिक्षण ग्रहण करते समय उसे पोषित एवं विकसित होता है। यही कारण है कि एक गुरूकुल छात्र की सद इच्छा तथा प्रशिक्षित किये जाने की तीव्र लालसा, उसे विनम्र, गहन आध्यात्मिक, बौद्धिक रूप से धनी तथा मेषपालीय कार्य में विशिष्ट व्यक्ति बनाता है। संत पापा ने केन्याई कलीसिया की चुनौतियों की याद करते हुए उसमें दृढ़ बने रहने का प्रोत्साहन दिया।

संत पापा ने केन्या के सभी धर्माध्यक्षों को सम्बोधित कर कहा कि वे अपने पद पर आत्माओं की देखभाल हेतु एक पिता और एक चरवाहे की तरह नियुक्त किये गये हैं। इस कार्य के संपादन में वे पुरोहितों का अधिकतम सहयोग प्राप्त करें। वे सरलता, दयालुता तथा कोमलता के साथ विश्वासियों की मदद करें। एक धर्माध्यक्ष के रूप में सदा ख्रीस्त का अनुसरण करें जो अपने प्रेरितों के प्रति अत्यन्त कोमलता का व्यवहार करते थे, उनके साथ समय व्यतीत करते थे तथा उनके बीच रहकर आनन्द महसूस करते थे। संत पापा ने कहा कि धर्माध्यक्ष भी उसी प्रकार अपने पुरोहितों के करीब रहें उनकी उनकी सुनें क्योंकि उनके सहयोग से पुरोहितों को अपने समर्पण में दृढ़ रहकर केन्या में ईश राज्य की स्थापना के आम प्रयास को बल मिलेगा।

संत पापा ने केन्या के सभी धर्मसमाजियों को,समर्पित जीवन वर्ष की याद दिलाते हुए उन्हें उदारता एवं विश्वव्यापी कलीसिया की एकता में बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।

संत पापा ने केन्या के विश्वसियों की एकजुटता एवं स्वार्थ रहित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सुन्दर साक्ष्य है तथा देशवासियों के लिए अच्छा उदाहरण। उन्होंने कलीसिया की प्रेरिताई की याद दिलाते हुए कहा कि वह विस्तृत संस्कृति में सुसमाचार में निहित ख्रीस्त की प्रतिज्ञा पर आशा जगाने के लिए बुलायी गयी है। प्रेरितों के मिशन को पूरा करने हेतु कलीसिया को नबी बनने की आवश्यकता है। ग़रीबों की रक्षा करने तथा सभी प्रकार की बुराइयों एवं शोषण को दूर करने की आवश्यकता है।

संत पापा ने सभी विश्वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे कलीसिया के सच्चे मिशनरी के रूप में मेल मिलाप, न्याय तथा शांति के शस्त्र धारण करें।

 








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