2015-04-06 12:10:00

वाटिकन सिटीः स्वर्ग की रानी प्रार्थना से पूर्व कहे गये सन्त पापा फ्राँसिस के शब्द


वाटिकन सिटी, 06 अप्रैल सन् 2015 (सेदोक): पास्का के दूसरे दिन काथलिक कलीसिया, "पास्केवेत्ता" अर्थात् स्वर्गदूत सोमवार मनाती है। इस दिन यानि सोमवार 06 अप्रैल को, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के साथ  "स्वर्ग की रानी"  प्रार्थना से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने उन्हें इस प्रकार सम्बोधित कियाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, शुभ दिन और एक बार फिर आप सबको पास्का मुबारक!

पास्का के बाद के इस सोमवार को सुसमाचार (दे. मत्ती 28, 8-15) हमारे समक्ष येसु के कब्र पर पहुँचने वाली स्त्रियों के वृत्तान्त को प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कब्र को खाली पाया तथा एक स्वर्गदूत को देखा जो उनके समक्ष यह घोषणा कर रहा था कि वे जी उठे हैं और जब वे शिष्यों के पास यह समाचार लेकर दौड़ती हैं, तब स्वयं येसु से उनका साक्षात्कार हो जाता है जो उनसे कहते हैं: "जाओ और मेरे भाइयों को यह सन्देश दो कि वे गलीलिया जायें। वहाँ वे मेरे दर्शन करेंगे" (मत्ती 28:10)।

सन्त पापा ने कहा, "गलीलिया वही "परिसर" है  जहाँ येसु ने उपदेश देना शुरु किया था; और वहीं से पुनःरुत्थान का सुसमाचार पुनर्प्रसारित हुआ ताकि वह सब लोगों के बीच उदघोषित किया जा सके तथा प्रत्येक मनुष्य पुनर्जीवित, सदैव विद्यामान रहने एवं इतिहास में अनवरत सक्रिय येसु का साक्षात्कार कर सके।

इस प्रकार", सन्त पापा ने कहा, "यह वह घोषणा है जिसे कलीसिया पहले दिन से ही उदघोषित करती रही हैः "ख्रीस्त जी उठे हैं!" और उनमें, बपतिस्मा लेने के कारण हम भी जी उठे हैं, मृत्यु से जीवन तक पार हुए हैं, पाप की दासता से प्रेम की स्वतंत्रता तक पार हुए हैं। यही है वह शुभ समाचार जिसे पवित्रआत्मा से प्रेरित होकर, अन्यों तक तथा हर क्षेत्र में, प्रसारित करने के लिये हम सब बुलाये गये हैं।"

उन्होंने कहा, "येसु के पुनःरुत्थान में विश्वास और येसु द्वारा संचरित आशा वह खूबसूरत वरदान है जो ख्रीस्त का अनुयायी अपने भाइयों को दे सकता है और जिसे उसे देना भी चाहिये। अस्तु, सबके और हर एक के समक्ष हम कहते नहीं थकें कि ख्रीस्त जी उठे हैं। इस घोषणा को हम शब्दों में दुहराये और इससे भी महत्वपूर्ण यह कि अपने जीवन के साक्ष्य द्वारा इसकी घोषणा करें। पुनःरुत्थान का सुखद समाचार, हमारे मुखमण्डल पर, हमारी भावनाओं में तथा अन्यों के साथ हमारे व्यवहार में चमकना चाहिये।"

उन्होंने कहा, "हम उस समय ख्रीस्त के पुनःरुत्थान की घोषणा करते हैं जब उनकी ज्योति हमारे अस्तित्व के अन्धकारपूर्ण क्षणों को आलेकित करती है और जिसे हम अन्यों के साथ बाँट सकते हैं; जब हम मुस्कुरानेवालों के साथ मुस्कुराना जानते हैं तथा विलाप करनेवालों के संग विलाप करना; जब हम उनके संग-संग चलते हैं जो उदास हैं और जिनपर आशा खो देने का ख़तरा बना हुआ है; जब हम जीवन का अर्थ खोजनेवाले और उसमें खुशी ढूँढ़नेवाले को अपने विश्वास के अनुभव के बारे में बताते हैं।"

सन्त पापा ने आगे कहाः "इस समय हम पास्का के अठवारे से गुज़र रहे हैं, जिसके दौरान पुनःरुत्थान का उल्लास हमारे साथ रहता है। पूजन पद्धति और धर्मविधि सम्पूर्ण अठवारे को एक ही दिन मानती है और इस प्रकार रहस्य में प्रवेश करने हेतु हमारी मदद करती है ताकि उनका अनुग्रह हमारे हृदयों एवं हमारे जीवन पर अंकित हो जाये। पास्का वह महान घटना है जो प्रत्येक मनुष्य, इतिहास एवं सम्पूर्ण विश्व के लिये क्राँतिकारी नवीनता लाई और वह है मृत्यु पर जीवन की विजय; यह पुनर्जागरण एवं नवजीवन का महोत्सव है। हम अपने अस्तित्व को पुनःरुत्थान से अभिभूत एवं रूपान्तरित होने दें।"

अन्त में सन्त पापा ने इस तरह प्रार्थना की... "अपने पुत्र की मृत्यु एवं पुनःरुत्थान की मौन साक्षी, पवित्र कुँवारी मरियम से हम याचना करें कि वे हममें पास्का के आनन्द को विकसित करें। ऐसा हम सब मिलकर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना द्वारा करेंगे जो पास्का के काल में दूत सन्देश प्रार्थना के बदले में पढ़ी जाती है। आल्लेलूया हर्षगान से चिह्नित इस प्रार्थना द्वारा हम मरियम पर दृष्टि लगायें तथा हर्ष मनाने हेतु उन्हें आमंत्रित करें क्योंकि जिन्हें उन्होंने अपने गर्भ में धारण किया था वे जी उठे हैं जैसा कि उन्होंने कहा था। स्वतः को हम मरियम की मध्यस्थता के सिपुर्द करें। वास्तव में, हमारा हर्ष मरियम के हर्ष का प्रतिबिम्ब है क्योंकि वे ही हैं जिन्होंने विश्वासपूर्वक येसु से सम्बन्धित घटनाओं को संजोये रखा तथा अभी भी संजोये रखती हैं। अस्तु, अब हम उन सन्तानों के साथ मिलकर इस प्रार्थना का पाठ पढ़ें जो अपनी माता के हर्षित होने से हर्षित हैं।"      

इतना कहकर सन्त पापा फ्राँसिस ने पास्का सोमवार का सन्देश समाप्त किया तथा स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ कर सबको अपना आशीर्वाद प्रदान किया।         

 








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