2015-04-05 13:04:00

वाटिकन सिटीः रोम शहर और विश्व के नाम सन्त पापा फ्राँसिस का पास्का सन्देश


वाटिकन सिटी, 05 अप्रैल सन् 2015 (सेदोक): ईस्टर अर्थात् पास्का महापर्व के उपलक्ष्य में, रविवार, 05 अप्रैल को, काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु, सन्त पापा फ्राँसिस ने, रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा इसके बाद सम्पूर्ण विश्व एवं रोम शहर के नाम अपना विशिष्ट पास्का सन्देश जारी किया।

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ईस्टर मुबारक!" येसु ख्रीस्त जी उठे हैं!

प्रेम ने घृणा को पराजित किया, जीवन ने मृत्यु पर विजय पाई, प्रकाश ने अन्धकार को हर लिया।" 

इन शब्दों से सन्त पापा फ्राँसिस ने रोम शहर तथा सम्पूर्ण विश्व के नाम अपना पास्का सन्देश जारी किया। उन्होंने कहाः "हमारे प्रेम के ख़ातिर, येसु ख्रीस्त ने दैवीय महिमा का परित्याग किया, स्वतः को खाली कर दिया, दास का रूप धारण कर अपने आप को मृत्यु तक, क्रूस पर मृत्यु तक दीन –हीन बना लिया। इसीलिये ईश्वर ने उन्हें उत्कर्षित किया तथा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के प्रभु और स्वामी बना दिया। येसु ही प्रभु हैं!   

सन्त पापा ने कहाः "अपनी मृत्यु एवं पुनरुत्थान द्वारा, येसु सबको जीवन एवं सुख का मार्ग दिखाते हैं और यह मार्ग है विनम्रता का जिसमें अपमानित किया जाना भी शामिल है। यह है वह रास्ता जो महिमा तक ले जाता है। केवल वे जो अपने आप को दीन-हीन बना लेते हैं वे ही "ऊपर की ओर, ईश्वर की ओर" अग्रसर हो सकते हैं (दे. कोलोसियों 3:1-4)। घमण्डी "ऊपर से नीचे की ओर" देखता है; जबकि विनम्र "नीचे से ऊपर"  की ओर दृष्टि लगाता है।  

पास्का की सुबह, महिलाओं द्वारा सचेत किये जाने के बाद, पेत्रुस एवं योहन कब्र तक भागे। उन्होंने उसे खुली और खाली पाया। वे पास आये और "नीचे झुके" ताकि अन्दर प्रवेश कर सकें। रहस्य में प्रवेश कर सकने के लिये हमें "नीचे झुकने" की ज़रूरत है, दीन बना लेने की ज़रूरत है। केवल जो अपने आप को दीन बना लेते हैं वे ही येसु की महिमा-प्राप्ति को बुद्धिगम्य कर सकते हैं तथा उनके मार्ग पर उनका अनुसरण करने में सक्षम हैं।

उन्होंने आगे कहाः "दुनिया प्रस्ताव करती है हम अपने आप को किसी भी क़ीमत पर सबसे आगे रखें, कि हम प्रतिस्पर्धा में लगें, अपने आप को स्थापित करें....किन्तु, मृत एवं पुनर्जीवित ख्रीस्त की कृपा से, हम ख्रीस्तानुयायी एक अन्य मानवता के बीज हैं जिसमें हम परस्पर सेवा भाव में जीने चेष्टा करते हैं, अभिमानी नहीं अपितु अन्यों का सम्मान करनेवाले तथा सेवा को तत्पर रहने वाले।  

यह कमज़ोरी नहीं है, अपितु यथार्थ शक्ति है! जो लोग अपने अन्तर में ईश्वर की शक्ति, उनके प्रेम एवं न्याय का वहन करते हैं उन्हें हिंसा की ज़रूरत नहीं पड़ती; वे सत्य, प्रेम एवं सुन्दर की शक्ति से बोलते तथा अपना काम करते हैं।

पुनर्जीवित प्रभु से हम इस अनुग्रह की याचना करते हैं कि हम कभी भी घमण्ड के शिकार न बनें जो हिंसा एवं युद्ध को भड़काता है, बल्कि विनम्रतापूर्वक क्षमा और शांति का साहस रखें। मृत्यु पर विजयी, येसु से हम विनती करते हैं कि वे हमारे उन असंख्य भाइयों एवं बहनों के बोझ को कम करें जो उनके नाम के कारण सताये जा रहे हैं, उन सबके लिये भी हम विनती करते हैं जो अनवरत जारी संघर्षों एवं हिंसा के परिणामस्वरूप अन्याय से पीड़ित हैं।"

फिर सन्त पापा ने मध्यपूर्व के युद्धग्रस्त देशों का ध्यान किया, उन्होंने कहा, "हम शांति की याचना करते हैं, सबसे अधिक सिरिया और ईराक के लिये ताकि शस्त्रों की गर्जन बन्द हो तथा उन प्रिय राष्ट्रों की रचना करनेवाले विभिन्न समूहों के बीच शांतिपूर्ण सम्बन्धों की स्थापना हो सके। इन राष्ट्रों में हो रही अपार मानवीय त्रासदी तथा असंख्य शरणार्थियों की व्यथा के के समक्ष अन्तरराष्ट्रीय समुदाय हाथ पर हाथ धरा न खड़ा रहे।

पवित्रभूमि के सब लोगों के लिये हम शांति की याचना करते हैं। इस्राएलियों एवं फिलिस्तीनीयों के बीच साक्षात्कार की संस्कृति का विकास हो तथा शांति प्रक्रिया पुनः आरम्भ हो ताकि वर्षों का उत्पीड़न एवं विभाजन समाप्त हो सके।

हम लिबिया के लिये शांति का आर्त निवेदन करते हैं जिससे इस समय जारी निरर्थक रक्तपात  एवं सब प्रकार की हिंसा के बर्बर कृत्य समाप्त हो सकें। साथ ही देश के भविष्य के लिये उत्कंठित सभी लोग पुनर्मिलन के पक्ष में काम करें तथा मानव प्रतिष्ठा का सम्मान करनेवाले भ्रातृत्वपूर्ण समाज का निर्माण करें। यमन के लिये भी हमारी आशा है कि वहाँ के लोगों में, सब लोगों के कल्याण हेतु शांति की एकजुट इच्छा का विकास हो।

इसके साथ-साथ, आशा में हम, हाल ही में लोज़ान में सम्पन्न समझौते को करुणामय प्रभु के सिपुर्द करते हैं ताकि यह एक और अधिक सुरक्षित एवं भ्रातृत्वपूर्ण विश्व की ओर अग्रसर सुनिश्चित कदम सिद्ध हो।

नाईजिरिया के लिये, सूडान के लिये और सूडान के विभिन्न क्षेत्रों एवं कॉन्गो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के लिये हम प्रभु से शांति के वरदान की याचना करते हैं। सभी शुभचिन्तकों द्वारा की जा रही अनवरत प्रार्थना उन लोगों तक पहुँचे जिन्होंने अपने प्राण खो दिये हैं – विशेष रूप से, मैं उन युवाओं का ध्यान कर रहा हूँ जो विगत गुरुवार को केनिया के विश्वविद्यालयीन गारिस्सा कॉलेज में मारे गये थे – उन लोगों तक जो अपहरण का शिकार बनाये गये हैं और उन लोगों तक जो अपने घरों एवं अपने प्रियजनों का परित्याग करने के लिये बाध्य किये गये हैं।         

प्रभु का पुनःरुत्थान यूक्रेन को प्रकाश दिखाये, विशेष रूप से, उन लोगों को जिन्होंने हाल के माहों में युद्ध की हिंसा को सहा। मेरी मंगलकामना है कि सभी सम्बन्धित दलों की प्रतिबद्धता से देश में शांति एवं आशा की पुनर्खोज की जा सके।

उन असंख्य पुरुषों एवं महिलाओं के लिये भी हम शांति एवं स्वतंत्रता का निवेदन करते हैं जो अपराधिक व्यक्तियों एवं दलों द्वारा नई और पुरानी दास प्रथा के शिकार बने हुए हैं। प्रायः मानव परिवार में शांति एवं मैत्री की सुरक्षा का दम्भ भरनेवाले शक्तिशाली लोगों के साथ संलिप्त मादक पदार्थों की तस्करों द्वारा उत्पीड़ित लोगों को शांति एवं स्वतंत्रता मिले। साथ ही हम शस्त्रों के व्यापारियों का शिकार बने विश्व के लिये शांति की याचना करते हैं।

समाज से प्रायः बहिष्कृत, तिरस्कृत तथा दूर हटा दिये गये, हाशिये पर जीवन यापन करने वाले, बन्दी, निर्धन, आप्रवासी, रोगी और प्रताड़ित, बच्चे, विशेष रूप से, हिंसा के शिकार बच्चे; आज शोक मना रहे लोग और सदभावना से भरे सभी लोग प्रभु येसु की सान्तवनादायी आवाज़ को सुन सकें: "तुम्हें शांति मिले!" (लूक.24:36)। "डरो मत, क्योंकि मैं पुनः जी उठा हूँ और सदैव तुम्हारे साथ रहूँगा" (दे. पास्का के लिये रोमी मिस्साल का प्रवेश भजन)।

अपना पास्का सन्देश समाप्त करने के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस ने सब पर पुनर्जीवित ख्रीस्त की शान्ति और अनुग्रह का आह्वान किया और कहाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

विश्व के प्रत्येक क्षेत्र से इस प्राँगण में एकत्र हुए आप सबके प्रति मैं पास्का की हार्दिक शुभकामनाओं को नवीकृत करता हूँ। विभिन्न राष्ट्रों में सामाजिक सम्प्रेषण एवं संचार माध्यम द्वारा हमसे जुड़े सब लोगों को भी मैं पास्का की मंगलकामनाएँ अर्पित करता हूँ। अपने साथ प्रेम, न्याय, सम्मान और क्षमा का सन्देश लिये आप अपने परिवारों एवं अपने समुदायों में ये हर्षित उदघोषणा ले जायें कि जीवन के स्वामी ख्रीस्त मुर्दों में से जी उठे हैं! आपकी उपस्थिति, आपकी प्रार्थना एवं आपके उत्साह के लिये, धन्यवाद। नीदरलैण्ड से आये सुन्दर फूलों के उपहार के लिये  मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूँ। सभी को पास्का मुबारक!"   अन्त में उन्होंने सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

 

 

 

 








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