वाटिकन सिटी, बुधवार, 1 अप्रैल 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने, मंगलवार को, 71 वर्षीय कार्डिनल जुसेप्पे वेरसाल्दी को वाटिकन स्थित शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ का नवाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। सन् 2011 से कार्डिनल वेरसाल्दी परमधर्मपीठीय वित्तीय मामलों सम्बन्धी कार्यालय के अध्यक्ष रहे हैं।
इटली के कार्डिनल वेरसाल्दी पोलैण्ड के कार्डिनल ज़ेनॉन ग्रोखोलेव्स्की की जगह लेंगे जो सन् 1999 से शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष थे। अक्टूबर माह में 75 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के उपरान्त कार्डिनल ग्रोखोलेव्स्की ने अपनी पद त्याग दिया था।
सन् 2013 तक उक्त धर्मसंघ विश्व में व्याप्त काथलिक गुरुकुलों, काथलिक स्कूलों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की प्रेरितिक देख–रेख के साथ उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करता रहा था। सन् 2013 में कलीसिया का परमाध्यक्षीय पद त्यागने से पूर्व सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने काथलिक गुरुकुलों को परमधर्मपीठीय याजकवर्ग सम्बन्धी धर्मसंघ के अधीन कर दिया था।
अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा सम्बन्धी धर्मसंघ के पूर्वाध्यक्ष कार्डिनल ग्रोखोलोव्स्की ने काथलिक स्कूलों एवं काथलिक विश्वविद्यालयों की पहचान को मज़बूत करने पर ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने कलीसियाई विधान तथा दर्शन शास्त्र की डिगरियाँ हासिल करनेवालों के लिये नये पाठ्यक्रमों का भी पुनरावलोकन किया। इसके अतिरिक्त 2005 में उन्होंने काथलिक गुरुकुलों को एक निर्देशिका प्रेषित कर समलिंगकाम को बढ़ावा देनेवाले अथवा समलिंग काम को मान्यता प्रदान करनेवालों के लिये गुरुकुलों में प्रवेश निषिद्ध कर दिया था।
इस बीच, सन्त पापा फ्राँसिस ने, मंगलवार को ही वाटिकन राज्य एवं परमधर्मपीठ की प्रेरितिक धरोहर की देख-रेख करनेवाले कार्यालय "आप्सा" के नये सदस्य रूप में जर्मनी स्थित कोलोन के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल राईनर मरिया व्योलकी की नियुक्ति भी की।
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