2015-04-01 15:09:00

ख्रीस्त के दुःखभोग, मृत्यु एवं पुनरुत्थान पर चिंतन


वाटिकन सिटी, बुधवार, 1 अप्रैल 2015 (वीआर सेदोक)꞉ बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ″ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात। कल पुण्य बृहस्पतिवार है, दोपहर को ख्रीस्तयाग में प्रभु भोज के साथ पूरे वर्ष की धर्मविधि की पराकाष्ठा; येसु के दुःखभोग, मृत्यु तथा पुनरुत्थान पर तीन दिवसीय चिंतन प्रार्थना की शुरूआत हो जायेगी।″  

संत पापा ने तीन दिवसीय चिंतन प्रार्थना पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″हम त्रिदियुम की शुरूआत प्रभु भोज की धर्मविधि के साथ करते हैं। इस धर्मविधि में हम ख्रीस्त द्वारा पिता को अपना शरीर और रक्त अर्पित करने की यादगार मनाते हैं जिसको उन्होंने अपने शिष्यों के लिए आध्यात्मिक आहार के रूप में अर्पित कर दिया। इस धर्मविधि में हम येसु द्वारा उनके चेलों के पाद प्रक्षालन की घटना की भी याद करते हैं जो येसु के जीवन और उनके दुखभोग के प्रमुख उद्देश्य, ईश्वर तथा लोगों की सेवा का प्रतीक है। इसी सेवा द्वारा हम एक-दूसरे को प्रेम करते हुए ख्रीस्त का अनुसरण करने के लिए बुलाये गये हैं।″  

पुण्य शुक्रवार को हम ख्रीस्त की मृत्यु के रहस्य पर चिंतन तथा क्रूस की उपासना करेंगे। संत पापा ने कहा कि उनके बलिदान द्वारा पापों पर प्रेम की विजय हुई है अतः यह एक अमर प्रेम है जिसे जीने तथा एक-दूसरे को बांटने के लिए हम निमंत्रित किये गये हैं।

पुण्य शनिवार को कलीसिया ख्रीस्त की कब्र में दफनाये जाने पर चिंतन करती तथा मरियम के साथ ख्रीस्त के पुनरुत्थान में अपने विश्वास और भरोसे की आग को प्रज्वलित रखती है।

उसके बाद पास्का जागरण को अल्लेलूया की गूँज के साथ हम विश्व एवं मुक्ति इतिहास की परिपूर्णता एवं उसके केंद्र ख्रीस्त के पुनरुत्थान की खुशी मनायेंगे।

संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि इन तीन दिनों वे न केवल ख्रीस्त के दुःखभोग पर चिंतन करें किन्तु उन रहस्यों में सचमुच प्रवेश कर ख्रीस्त की भावना को अपनी भावना बनायें, इस प्रकार यह पास्का सचमुच कृपा से पूर्ण होगा।

इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

धर्मशिक्षा माला समाप्त करने के उपरांत उन्होंने भारत, इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड, जापान, मॉल्टा, डेनमार्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा पुनर्जीवित प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 








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