2015-03-23 15:30:00

बिना दया के क्षमा अपूर्ण


वाटिकन सिटी, सोमवार 23 मार्च, 2015 (सेदोक,वीआर)  संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 23 मार्च को वाटिकन सिटी स्थित सान्ता मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए अपने प्रवचन में कहा कि जो दूसरों को दोषी ठहराते हैं, वे ढोंगी हैं। उनका जीवन दो मापदंडों का है।

उन्होंने फरीसियों और सदुकियों की ओर इंगित करते हुए कहा कि ऐसे लोग अपने भ्रष्ट आचरण के कारण दया से दूर हो गये थे। उनके जीवन से दयालुता बाहर हो गयी थी।

संत पापा ने कहा कि जिनका आचरण भ्रष्ट होता है, उनका ह्रदय कठोर हो जाता है और ऐसे लोग दोहरा जीवन जीते हैं। ईशवचन हमें बतलाती है कि दया ही सबसे बड़ी क्षमा है।  

संत पापा ने कहा कि आज की कलीसिया भी ऐसे लोगों के कारण दुःख उठाती है जो न्यायी है पर उनमें दया नहीं है। जहाँ दया नहीं, वहाँ न्याय नहीं।

संत पापा ने कहा कि मुझे अच्छी तरह याद है कि जिसमें येसु कहते हैं, " तुम्हें सज़ा किसी ने नहीं दी। मैं भी तुम्हें सज़ा नहीं दूँगा ।"  येसु के शब्द दया से भरे हैं। 

 








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