2015-03-20 17:54:00

19 वर्षीय आकाश बासिर ने जीवन देकर दायित्व निभाया


लाहौर, शुक्रवार 20 मार्च, 2015 (अनसा) आकाश बशिर नामक एक सुरक्षाकर्मी की वफ़ादारी से 15 मार्च रविवार को पाकिस्तान के लाहौर के संत जोन्स काथलिक चर्च में होनेवाला एक बड़ा हादसा टला पर गया पर बचाने के क्रम में आकाश सहित 23 लोगों को जान गंवाना पड़ा।

लाहौर के युहन्नाबाद में 15 मार्च को जब दो आत्मघाती हमलावर संत जोन्स गिरजाघर में प्रवेश कर रहे थे तब सुरक्षाकर्मी आकाश ने उनकी तलाशी ली। जब आत्मघाती हमलावर बलपूर्वक अन्दर जाने का प्रयास किया तब आकाश ने उसे पूरी शक्ति से रोका। इस प्रक्रिया में बिस्फोट हुआ और आकाश की मृत्यु हो गयी।

विदित हो इस विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गयी और करीब 70 घायल हुए ।

डॉन बोस्को टेक्निकल सेंटर में प्रशिक्षित आकाश की पहचान 17 मार्च को हुई  और उसी दिन उसकी दफ़न क्रिया सम्पन्न कर दी गयी। संत जोन्स काथलिक महागिरजाघर के बगल में करीब 600 मीटर की दूरी पर एक प्रोटेस्टंट गिरजाघर है।

आकाश के पिता ने बताया कि उसका 19 वर्षीय आकाश चाहता था कि वह महान व्यक्ति बने। ईसाइयों पर होनेवाले आक्रमणों को देखते हुए आकाश की माता ने उसे सावधान किया था पर उसका जवाब था कि उसे लोगों के सुरक्षा की चिन्ता है अपने जान की नहीं।

‘अनसा’ के अनुसार पाकिस्तान में ख्रीस्तीय समुदाय दहशत में है और निकटवर्ती सलेशियन संस्थान को बंद कर दिया गया। मालूम हो स्कूल के दो अन्य विद्यार्थी भी इस विस्फोट में घायल हुए थे। सलेशियन धर्मसंघ के अधिकारी ने कहा कि आकाश के बलिदान का उन्हें गर्व है जिसने अपना दायित्व निभाते हुए जीवन बलिदान कर दिया।       








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