2015-03-13 15:04:00

सेवक बनकर प्रत्येक की सेवा करें


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 13 मार्च, 2015  (सेदोक,वीआर)  दक्षिण कोरिया के धर्माध्यक्षों ने बृहस्पतिवार 12 मार्च को वाटिकन सिटी में अपने पंचवर्षीय ‘अदलिमिना विजिट’ के अन्त में संत पापा फ्राँसिस से मुलाक़ात की।

संत पापा ने अपनी प्रेरितिक यात्रा की याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कोरिया यात्रा के दौरान वहाँ के लोगों के स्नेह का करीबी से अनुभव किया जिन्होंने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और उनके साथ अपने सुख और दुःख को बाँटे।

संत पापा ने कहा कि दक्षिण कोरिया के लोगों ने उन्हें जो प्यार दिया वह सार्वभौमिक कलीसिया की सेवा के लिये एक ऐसा प्रोत्साहन है जो सदा बना रहेगा।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों के समक्ष तीन बातों को बतलाना चाहते हैं जो हैं – सुखद याद, युवा और मिशन।

संत पापा ने कहा कि वे सदा शहीद पौल युन जी चुंग और उनके साथियों की धन्य घोषणा की याद करते हैं जो उनकी यात्रा का एक विशेष पल था।

उन्होंने कहा कि कोरिया की आरंभिक कलीसिया के शहीदों ने न केवल अपना रिश्ता येसु के साथ मजबूत किया वरन् येसु के बारे दूसरों को भी बतलाया। उनका जीवन एक ऐसा स्कूल है जहाँ से हम विश्वास में मजबूत होना सीख सकते तथा प्रेम और बलिदान की शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

संत पापा ने धर्माध्यक्षो से अनुरोध किया कि वे अपने धर्मप्रांत में पुरोहितों, धर्मसमाजियों तथा लोकधर्मियों के साथ मिल कर कार्य करें विशेष करके उनके लिये जो गरीब, वयोवृद्ध तथा परित्यक्त हैं।  संत पापा ने कहा कि जब हम येसु से मिलते हैं तो हम उसकी दया का अनुभव करते हैं तब हम इस बात से आश्वस्त हो जाते हैं कि उन्होंने हमें बचाया है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों को इस बात के लिये प्रोत्साहित किया कि वे जब वे अपने प्रेरितिक दौरा की योजना में युवाओं का विशेष ख़्याल रखें। आप उनके साथ रहें और उन्हें इस बात का आभास दिलायें कि आप उनकी चिन्ता करते हैं और उनकी ज़रूरतों को पूरा करना चाहते हैं।

संत पापा ने कहा कि धर्माध्यक्ष येसु मसीह के समान ही सेवा करें जो इस दुनिया में दूसरों की सेवा कर सकें। उन्होंने बल देकर कहा कि हमारा जीवन सेवा का जीवन है उन सबों की जिनकी सेवा करने का दायित्व हमें दिया गया है बिना किसी अपवाद के।




 

 








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