2015-03-07 17:05:00

विकट परिस्थिति में वाटिकन रेडियो बना सहारा


भारत, शनिवार, 7 मार्च 2015 (वीआर सेदोक)꞉ ″उन्होंने मुझे एक रेडियो दिया। रेडियो मेरे लिए एक बड़ा सहारा साबित हुआ। मैं अंग्रेजी एवं तमिल भाषा में प्रसारित वाटिकन रेडियो सुना करता था जिससे मुझे बड़ी राहत मिला थी।″ यह बात अफगानिस्तान में अपहरणकर्ताओं के चंगुल में आठ महीने रहने और रिहा होने के बाद चेन्नय पहुँचे जेस्विट पुरोहित अलेक्सिस प्रेम कुमार अन्तोनीसामी ने रोबिन गोमेस से एक साक्षात्कार में कही।

वाटिकन रेडियो अंग्रेजी विभाग के रोबिन गोमेस से बातें करते हुए उन्होंने बतलाया कि उस विकट परिस्थिति में उन्होंने प्रार्थना की तथा वाटिकन रेडियो सुना जिससे उन्हें बहुत राहत महसूस हुआ।

उन्होंने कहा, ″वास्तव में, मैंने कई अच्छे कार्यक्रमों को सुना, प्रार्थनाएँ की तथा रविवारीय पावन युखरिस्त का भी अनुसरण किया। जब मैं रेडियो सुनता था तो मुझे बड़ा आराम मिलता था।″

उन्होंने कहा कि वाटिकन रेडियो सुनने के लिए मैं बहुत उत्साहित रहता था किन्तु दूरी के कारण कभी-कभी आवाज साफ नहीं सुनाई पड़ती थी।

फादर प्रेम ने संत पापा फ्राँसिस के प्रति अपना विशेष आभार व्यक्त किया क्योंकि उनके महत्वपूर्ण संदेश द्वारा उन्हें आँसू के अर्थ को समझने में मदद मिली। उन्होंने वाटिकन रेडियो को भी धन्यवाद दिया।  

 








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