2015-03-07 16:40:00

ख्रीस्तीय नैतिकता की पहचान


वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 मार्च 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 7 मार्च को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में कम्यूनियन एवं लिबरेशन के 60 हज़ार सदस्यों से मुलाकात की।

काथलिक कम्यूनियन एवं लिबरेशन संस्था के संस्थापक मॉन्सिन्योर लुइजी जुसान्नी की दसवीं बरसी पर संस्था के सभी सदस्यों को सम्बोधित कर संत पापा ने उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रोत्साहन दिया।

उन्होंने कहा कि उनके विचार बिलकुल मानवीय थे तथा व्यक्ति के अंतःस्थल तक पहुँचते थे। उन्होंने हमें स्वतंत्रता की शिक्षा दी है तथा ख्रीस्त के साथ मुलाकात करने का रास्ता दिखलाया है।

संत पापा ने कहा कि हमारे जीवन में सभी बातों की शुरूआत येसु से मुलाकात द्वारा होती है अन्य सभी लोगों के समान नाजरेथ के एक बढ़ाई के बेटे से मुलाकात किन्तु एक अलग प्रकार की मुलाकात।

संत पापा ने कहा कि संत योहन रचित सुसमाचार पाठ में हम शिष्यों की येसु से मुलाकात की घटना को पाते हैं। शिष्यों ने तत्काल अनुभव किया कि यह एक ख़ास मुलाकात थी जिस में वे येसु से जुड़ गये थे। पुनरूत्थान के बाद येसु ने पेत्रुस से पूछा- क्या तुम मुझे प्यार करते हो? इस पर पेत्रुस जवाब दिया था, जी हाँ, मैं आपको प्यार करता हूँ। संत पापा ने कहा कि यह उत्तर उसने अपनी इच्छा शक्ति से नहीं किन्तु ईश्वर की कृपा द्वारा दिया था। इससे पता चलता है कि हम नहीं किन्तु येसु हमारा इंतजार करते हैं।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर की करुणा के बिना उनके चमत्कारों को समझ पाना कठिन है। वे ही लोग प्रभु को पहचान सकते हैं जिन्होंने उनके करुणा की कोमलता का अनुभव किया है।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय नैतिकता एक साहसिक प्रयास अथवा  उदार सेवा का कार्य मात्र नहीं है किन्तु यह एक ऐसी करुणा है जो हमें विस्मित कर देती है जो अप्रत्याशित है तथा मानवीय समझ से अनुचित भी लग सकती है। ख्रीस्तीय नैतिकता गिरना नहीं किन्तु हमेशा उठकर चलना है।

संत पापा ने सभी सदस्यों को सलाह दी कि यही कलीसिया का रास्ता है जिसपर चलकर हम ईश्वर की महान करुणा का साक्ष्य दें।

 








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