2015-02-24 11:56:00

जयपुरः मदर तेरेसा पर आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी से उठा विवाद


जयपुर, मंगलवार, 24 फरवरी 2015 (ऊका समाचार): निराश्रितों एवं बेसहारा लोगों की सेवा में जीवन बितानेवाली, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मदर तेरेसा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत द्वारा की गई टिप्पणी की सर्वत्र आलोचना की जा रही है।

राजस्थान के भरतपुर के निकट, सोमवार को, एक स्थानीय ग़ैर सरकारी संगठन के एक समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा था, निर्धनों के प्रति मदर तेरेसा की सेवा का उद्देश्य उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करना था।

भागवत ने कहा, "मदर तेरेसा जैसे लोगों ने अच्छा काम किया और अच्छी सेवा की  लेकिन उनका उद्देश्य निर्धनों को ईसाई धर्म में कन्वर्ट करना था। यदि सेवा या काम के नाम पर धर्मान्तरण किया जाता है तो इस तरह की सेवा का अवमूल्यन होता है।"

राजस्थान के पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने भागवत के वकतव्य को "दुर्भाग्यपूर्ण निरूपित किया।

पूर्व मंत्री गहलोत ने कहा, "उन्होंने स्वदेश का परित्याग किया तथा निर्धनों की सेवा के लिये अपना सारा जीवन दे दिया। यह वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण वकतव्य् है।"

राज्य के काँग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने भागवत के वकतव्य की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "इस प्रकार के वकतव्य देकर आरएसएस धर्म के नाम पर विभाजन उत्पन्न करना चाहती है।" उन्होंने कहा, "मदर तेरेसा किस धर्म की अनुयायी थी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, सिर्फ यह बात मायने रखती है कि उन्होंने निर्धनों की सेवा की।"

कुछेक ख्रीस्तीय संगठनों एवं मानवाधिकार समूहों ने भी आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है।

इस बीच, देहली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आरएसएस सरसंचालक भागवत के वकतव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा, "मैंने कुछ महीने कोलकाता स्थित निर्मल हृदय आश्रम में मदर तेरेसा के साथ काम किया है। वह महान इंसान थीं, उन्हें बख्श दिया जाए।" 








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