2015-02-21 15:32:00

संत पापा ने धर्माध्यक्षों से की यूक्रेन में संघर्ष के विरूद्ध एकजुट होने की अपील


वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 फरवरी 2015 (सीएनएस)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन के काथलिक धर्माध्यक्षों से अपील की है कि वे अपने देश में हो रहे सामाजिक एवं मानवीय तबाही पर विशेष ध्यान देते हुए कलीसिया के नेता होने के नाते राजनीति से अलग रहें।

कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात, "आद लीमिना" हेतु यूक्रेन  से रोम पधारे काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात कर सन्त पापा फ्राँसिस ने धर्माध्यक्षों को एक लिखित संदेश अर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने यूक्रेन में हो रहे गम्भीर संघर्ष के मद्देनजर धर्माध्यक्षों को अपनी प्रार्थना एवं आध्यात्मिक सामीप्य का आश्वासन दिया जिसके कारण असंख्य निर्दोष लोगों को जान गँवाना पड़ रहा है। 

उन्होंने कहा, ″मैंने कई अवसरों पर सीधे तौर पर या कार्डिनल प्रतिनिधियों द्वारा आप लोगों के प्रति अपने सामीप्य को व्यक्त किया है, इस समय भी मैं विशेष रूप से, घायलों एवं हिंसा के शिकार लोगों के लिए अपनी प्रार्थनाओं के माध्यम से आप सभी के करीब हूँ तथा प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर शीघ्र शांति स्थापित करें।″

संत पापा ने कहा कि वे सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान कर समझौतों के लिए तैयार होवें।

उन्होंने धर्माध्यक्षों से निवेदन किया कि वे राजनीति से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास न करें बल्कि वे सामाजिक- सांस्कृतिक वास्तविकताओं तथा मानवीय पीड़ाओं का उत्तर खोजें।

संत पापा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में उन आवाजों को ध्यान पूर्वक सुनना अत्यन्त महत्वपूर्ण है जहाँ के लोग उनकी प्रेरितिक देखभाल पर भरोसा रखते हैं क्योंकि अपने झुंड की आवाज सुन पाने के द्वारा ही वे मुलाकात करने, आपसी सहयोग करने एवं विवाद को सुलझाने में उनकी आवश्यक मदद कर पायेंगे।

उन्होंने कहा, ″यूक्रेन के नागरिक होने के कारण धर्माध्यक्षों को भी भविष्य के बारे अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार है किन्तु ठोस राजनीतिक कार्यों को प्रोत्साहन देकर नहीं बल्कि ऐसे मूल्यों को बढ़ावा देकर जो यूक्रेनी समाज को एकता के सूत्र में बांधे तथा उन्हें जटिल परिस्थितियों में भी आपसी समझदारी एवं जन कल्याण हेतु प्रोत्साहित करे।″

संत पापा ने देश में गंभीर आर्थिक समस्या पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सच्चाई के लिए कार्य करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि सच्चाई एवं न्याय के लिए कार्य करना नैतिक अनिवार्यता है तथा एक मेषपाल के रूप में उनका कर्तव्य भी। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त की कलीसिया में वे अधिक स्वतंत्रता पूर्वक सेवा के लिए बुलाये गये हैं अतः अपनी निर्धनता के बावजूद वे गरीबों, परिवारों, बेरोजगारों, असहय, बुजुर्गों तथा रोगियों की सेवा करें।

संत पापा ने यूक्रेन के विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों को मिलकर कार्य करने की सलाह दी।

 








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