2015-02-16 15:08:00

दैनिक मिस्सा पाठ


रविवार- 15.2.15

पहला पाठ- लेवी. 13꞉1-2,

1) प्रभु ने मूसा और हारून से यह कहा, 2) यदि किसी मनुष्य के चमड़े पर सूजन, पपड़ी या फूल दिखाई पड़े और चमड़े में चर्मरोग हो जाने का डर हो, तो वह मनुष्य याजक हारून अथवा उसके पुत्रों में किसी के पास लाया जाये। 44) तो वह व्यक्ति रोगी और अशुद्ध है। याजक उसे अशुद्ध घोषित करे, क्योंकि यह उसके सिर पर चर्मरोग है।45) चर्मरोगी फटे कपड़े पहन ले। उसके बाल बिखरे हुए हों। वह अपना मुँह ढक कर अशुद्ध-अशुद्ध  चिल्लाता रहे। 46) वह तब तक अशुद्ध होगा, जब तक उसका रोग दूर न हो। वह अलग रहेगा और शिविर के बाहर निवास करेगा।

सुसमाचार पाठ- मार. 1꞉40-45

40) एक कोढ़ी ईसा के पास आया और घुटने टेक कर उन से अनुनय-विनय करते हुए बोला, ''आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं''। 41) ईसा को तरस हो आया। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, ''मैं यही चाहता हूँ- शुद्ध हो जाओ''। 42) उसी क्षण उसका कोढ़ दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया। 43) ईसा ने उसे यह कड़ी चेतावनी देते हुए तुरन्त विदा किया, 44) ''सावधान! किसी से कुछ न कहो। जा कर अपने को याजकों को दिखाओ और अपने शुद्धीकरण के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे तुम्हारा स्वास्थ्यलाभ प्रमाणित हो जाये''।45) परन्तु वह वहाँ से विदा हो कर चारों ओर खुल कर इसकी चर्चा करने लगा। इस से ईसा के लिए प्रकट रूप से नगरों में जाना असम्भव हो गया; इसलिए वह निर्जन स्थानों में रहते थे फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते थे।

 








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