2015-02-14 16:57:00

नेपाल के 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार


काठमाण्डू, शनिवार, 14 फरवरी 2015 (एशियान्यूज़)꞉ दक्षिणी नेपाल में 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं ख़ासकर, अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के बाल विभाग द्वारा प्रस्तुत रिर्पोट में कहा गया है कि नेपाल के काठमाण्डू क्षेत्र के अल्पसंख्यक बच्चों में आधा से अधिक लोग कुपोषण के शिकार हो रहे हैं।

समानता बाधा विश्लेषण कार्यक्रम के तहत इस सर्वेक्षण का उद्देश्य देश में कुपोषण की समस्या को कम करना है। इस सर्वेक्षण में 15 ज़िलों के 123 गाँव शामिल थे। अध्ययन में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा पेय जल एवं बच्चों तथा महिलाओं के विकास पर भी ध्यान दिया गया।

पारसा के जिला विकास कमिति के एक सदस्य शामू कुशवाहा ने कहा, ″दक्षिणी जिलों के बच्चे कमजोर हैं। करीब 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषण एवं बाल शोषण के शिकार हैं। 45 प्रतिशत बाल श्रमिक हैं तथा बाकी बच्चे बाल विवाह के लिए मज़बूर हैं।″

उन्होंने बतलाया कि अशिक्षा, गरीबी, विकास के अवसरों का अभाव तथा मूल्य वृद्धि आदि कुपोषण की समस्या के प्रमुख कारण हैं। सर्वेक्षण में पाया गया है कि ये बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं।

पारसा जिला के स्थानीय विकास अधिकारी गुरु प्रसाद माईनाली ने कहा कि अधिकारी इस समस्या के निराकरण हेतु उपाय की खोज कर रहे हैं। सरकार भी इस दिशा में कार्यक्रम चलाने की योजनाएं बना रही है।

नेपाल की इस परिस्थिति के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा सन् 2000 ई. में बच्चे के विकास हेतु लिया गया निर्णय, अपने लक्ष्य से अब भी कोसों दूर है।

 

 








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