2015-02-14 17:05:00

कलीसिया की अध्यक्षता उदारता पर आधारित


वाटिकन सिटी, शनिवार, 14 फरवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ ″कार्डिनल का पद निश्चय ही बड़े गर्व की बात है किन्तु सम्मानार्थ नहीं। यह हम कार्डिनल यानी ‘कार्दो’ शब्द से जानते हैं जिसका अर्थ है तकमा। यह किसी सम्मानजनक पदवी हेतु ‘श्रृंगार’ नहीं किन्तु समुदाय के जीवन के लिए एक धूरी है, एक सहायक। आप रोम की कलीसिया के साथ जुड़े हैं जो समस्त चैरिटी सभा का सभापतित्व करती है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 14 फरवरी को 20 नये कार्डिनलों की नियुक्ति समारोह के अनुष्ठान के दौरान कही।

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस गिरजाघर में 20 नये कार्डिनलों को पवित्र अंगूठी प्रदान करते हुए एवं कलीसिया की विशेष जिम्मेदारी सौंपते हुए संत पापा ने प्रवचन में कहा, ″कलीसिया में सभी अध्यक्षता चैरिटी से आता है अतः उसे उदारता के साथ निभाया जाना चाहिए और इस संदर्भ में रोम की कलीसिया को एक अनुकरणीय भूमिका अदा करनी चाहिए।

संत पापा ने नव नियुक्त कार्डिनलों से आग्रह किया कि वे प्रेरित संत पौलुस की सलाह से प्रेरणा ग्रहण करें जो बतलाते हैं कि हमें विभिन्न प्रकार के वरदान प्राप्त हुए हैं जिनका प्रयोग समुदाय की सेवा के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदारता ईश्वर का वरदान है जो विनम्रता एवं कोमलता के द्वारा विकसित होता है।

संत पौलुस बतलाते हैं कि उदारता धैर्यशील एवं दयालु होता है। संत पापा ने कहा कि कलीसिया की सेवा में हमें जितनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है उसी अनुपात में हमारा हृदय भी ख्रीस्त के समान विशाल हो। इसका अर्थ है सीमा से अधिक प्यार कर पाना, हर परिस्थिति एवं अपने हर हाव-भाव पर विशेष ध्यान देना और किसी का तिरस्कार किये बिना सभी से प्रेम करना।

संत पापा ने उदारता सदगुण की सराहना करते हुए कहा कि मात्र उदारता ही ग़लत कार्य करने से रोक सकता है। संत पौलुस के कथन अनुसार उदारता किसी की ग़लती पर नहीं किन्तु न्याय पर आनंदित होती है। अतः कलीसिया की सेवा में नियुक्त धर्मगुरूओं को न्याय की गहरी समझ होनी चाहिए। प्रेम सब कुछ ढाँक लेता है, सब कुछ पर विश्वास करता, सभी बातों पर आशा बनाये रखता तथा सब कुछ को सह लेता है।  

संत पापा ने कार्डिनलों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वे ईश्वर की कृपा पर भरोसा रखें क्योंकि उदारता स्वतः से नहीं ईश्वर द्वारा प्रदान किया जाता है। ईश्वर प्रेम हैं तथा पवित्र आत्मा द्वारा अपना कार्य हम पर पूर्ण करते हैं। संत पापा ने कहा कि उदारता ही हमारे जीवन एवं कार्यों को अर्थ और आकार प्रदान करता है।

 








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