2015-02-05 16:35:00

नाबालिग़ों और कमजोर वयस्कों की सुरक्षा हेतु संत पापा की अपील


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 फरवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 5 फरवरी को, काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्षों तथा समर्पित जीवन की संस्थाओं के सर्वोच्च अधिकारियों को एक पत्र प्रेषित कर नाबालिग़ों की सुरक्षा हेतु वाटिकन के साथ सहयोग की अपील की।

उन्होंने कहा है कि धर्माध्यक्षों एवं धर्मसंघीय अधिकारियों का दायित्व है कि पल्लियों एवं धर्मसंघीय संस्थाओं में वे नाबालिग़ों और कमजोर वयस्कों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कलीसिया का कर्तव्य है कि वह परिवार, धर्मप्रांत, धर्मसंघीय संस्थाओं एवं धार्मिक संस्थानों में शोषण के शिकार लोगों के प्रति ख्रीस्त की करुणा प्रकट करे जिसमें वह शोषण के शिकार लोगों को शारीरिक मदद के साथ आध्यात्मिक मदद भी पहुँचायें।

संत पापा ने सलाह दी है कि संस्था के अधिकारी पीड़ित लोगों तथा उनके परिवारवालों के साथ मुलाकात करने हेतु तत्पर रहें क्योंकि यह अवसर उनकी पीड़ा को सुनने एवं उनके साथ सहानुभूति रखते हुए उनसे क्षमा मांगने का है।

संत पापा ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए लिखा, ″जुलाई माह में मैंने पुरोहितों द्वारा यौन शोषण के शिकार लोगों की एक सभा में भाग लिया था जिसमें पीड़ितों के कटु अनुभव और उनके दृढ़विश्वास के साक्ष्य ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इस अनुभव ने मेरे मनोबल को और सुदृढ़ किया कि नाबालिग़ों के यौन शोषण की बुराई को कलीसिया से दूर करने तथा पीड़ितों के मन-परिवर्तन एवं चंगाई के रास्ते को खोलने हेतु हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।″

संत पापा ने आशा व्यक्त की कि नाबालिग़ों एवं कमजोर वयस्कों की सुरक्षा हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति, धर्माध्यक्षों एवं धर्मसंघीय संस्थाओं के सहयोग द्वारा उनकी सुरक्षा के इस प्रयास में, कलीसिया के समर्पण को प्रोत्साहन देने का एक सशक्त माध्यम होगा। 

ज्ञात हो कि पुरोहितों द्वारा नाबालिग़ों के यौन शोषण से सुरक्षा हेतु संत पापा ने दिसम्बर 2013 में परमधर्मपीठीय समिति का गठन किया है।

 








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