2015-02-05 16:26:00

कलीसिया की प्रेरिताई, लोगों को चंगा करना


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 फरवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ ″यह सच है कि हमें संगठनों की मदद लेनी चाहिए क्योंकि संगठन हमें कार्यों को पूरा करने में मदद पहुँचाते हैं किन्तु जब हम प्रेरिताई को भूलकर संगठन पर अधिक ध्यान देने लगते हैं तो कलीसिया धीर-धीरे एक एन.जी.ओ अर्थात ग़ैरसरकारी स्वयंसेवकों का संगठन बन जाती है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 5 फरवरी को प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उन्होंने कहा कि जब कलीसिया अपनी प्रेरिताई भूल जाती है तो वह एक सुन्दर और सुदृढ़ संगठन ज़रूर बनती है किन्तु वह प्रेरिताई नहीं कर पाती है क्योंकि उसमें ग़रीबी की भावना एवं चंगाई करने की शक्ति नहीं रह जाती। 

प्रवचन में संत पापा ने संत मारकुस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु अपने शिष्यों को मिशन हेतु विभिन्न ज़गहों में प्रेषित करते हैं।

संत पापा ने कहा, ″कलीसिया की प्रेरिताई है कि वह चंगाई प्रदान करे और लोगों की देखभाल करे।″ उन्होंने कहा कि कलीसिया एक अस्पताल के समान है जिसमें बहुत सारे लोग घायल पड़े हैं जिन्हें चंगाई की आवश्यकता है अतः कलीसिया का मिशन है कि वह हृदय के घावों को चंगा करे, बंद द्वार खोले तथा उन्हें बंधन से मुक्त करे। उसका कार्य लोगों के बीच यह घोषित करना है कि ईश्वर भले हैं, क्षमाशील हैं तथा वे सदा हमारा इंतजार करते हैं।

संत पापा ने विश्वासियों को याद दिलाया कि हम ईश राज्य के सेवक हैं अतः हम अपनी गरिमा के लिए नहीं किन्तु ईश राज्य के लिए कार्य करें। हम उन लोगों के बीच जाएँ जो पिता की खोज में भटक रहें हैं। हम उनके हृदयों में शांति स्थापित करें।

 








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