2015-02-03 12:03:00

बैंगलोरः धर्मविधिक जीवन को नवीकृत करने पर धर्माध्यक्ष करेंगे विचार


बैंगलोर, मंगलवार, 3 फरवरी 2015 (ऊका समाचार): बैंगलोर में 2 से 08 फरवरी तक भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के लगभग 131 धर्माध्यक्ष, पुरोहितों, धर्मसंघियों एवं लोकधर्मी विश्वासियों के धर्मविधिक जीवन को नवीकृत करने पर विशद विचार विमर्श हेतु एकत्र हुए हैं।

मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने बताया कि वाटिकन स्थित दिव्य भक्ति एवं संस्कार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव महाधर्माध्यक्ष आर्थर रोच, परमधर्मपीठीय मिशन सोसायटीज़ तथा परमधर्मपीठीय सुसमाचार प्रचार धर्मसंघ के सहयोगी सचिव महाधर्माध्यक्ष प्रोटाज़े रुगाम्ब्वा, भारतीय काथलिक धर्माधियक्षीय सम्मेलन की 27 पूर्णकालिक सभा को सम्बोधित करेंगे।

भारत तथा नेपाल में परमधर्मपीठ के राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोर पेन्नाखियो ने बैंगलोर के सेन्ट जॉन्स नर्सिंग कॉलेज भवन में, सोमवार को, धर्माध्यक्षों की सभा का उदघाटन किया।

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव कैलीकट्ट के धर्माध्यक्ष वरगीज़ चक्कालाकल ने ऊका समाचार से कहा, "धर्मविधि केवल कर्मकाण्ड नहीं है अपितु उसका लक्ष्य लोगों को ईश्वर तक ले जाना  तथा अन्तर-वैयक्तिक सम्बन्धों के निर्माण में मदद देना है।"

बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बर्नार्ड मोरास ने कहा, "धर्मविधि केवल प्रार्थनाओं को दुहराना नहीं है। उसका कार्य प्रार्थनाओं को सार्थक बनाना है।"

इस बीच, भारत में इन दिनों हिन्दू चरमपंथियों द्वारा जारी "घर वापसी" पर कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि यह अभियान स्पष्टतया बल प्रदर्शन है तथा हमारी धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर महान ख़तरा।"  उन्होंने कहा, "घर वापसी से अन्तःकरण की स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों का घोर अतिक्रमण हो रहा है और यह अस्वीकार्य है।"

उन्होंने यह भी कहा, "घर वापसी पर सरकार का मौन कुण्ठित करनेवाला एवं निराशाजनक है।"          








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