श्रीलंका, शनिवार, 31 जनवरी 2015 (वीआर इटालियन)꞉ श्रीलंका स्थित मन्नार के धर्माध्यक्ष रायाप्पु जोसेफ ने नवगठित सरकार से अपील की है कि मेल-मिलाप प्रक्रिया के प्रथम चरण के रूप में वह आतंकवाद अधिनियम (पी.टी.ए) पर शीघ्र रोक लगाये तथा एक कानूनी प्रक्रिया के तहत सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करे।
धर्माध्यक्ष रायाप्पु ने मिसना न्यूस एजेंसी से बातें करते हुए कहा कि उन्हें एक खत् भेजने का इरादा है जिसमें वे उन तथ्यों और मुद्दों को इंगित करना चाहते हैं जिसपर ध्यान दिया जाना चाहिए।
राजनीतिक कैदियों की दुःखद परिस्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ″कई कैदियों ने लेट्टे आंदोलन को छोड़ दिया था किन्तु अलगाववादी आंदोलन कर्ताओं के अत्यधिक दबाव तथा धमकियों के कारण उन्होंने युद्ध में भाग लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि बिना पर्याप्त कानूनी प्रक्रिया के उन्हें कैदखाने में रखा जाना एक दुःखद बात है। धर्माध्यक्ष ने बतलाया कि कैद में कई ऐसे माता-पिता हैं जिनके बच्चे अभी छोटे हैं।
धर्माध्यक्ष रायाप्पु के अनुसार बूसा, कैडी, भाबुनिया जफ्फना और अनुराधापुर में करीब 500 राजनीतिक कैदी हैं तथा इसका अलावा कोलम्बो के वेलिकाडा जेल में 124 कैदी हैं।
धर्माध्यक्ष रायाप्पु जोसेफ ने राष्ट्रपति से न्याय की मांग करते हुए कहा, ″न्याय में देरी, अन्याय है।″ उन्होंने कहा कि इस नयी सरकार से उन्हें कैदियों के रिहा किये जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ″हमें उन्हें न्याय दिलाने की आवश्यकता है।″ नयी सरकार पर अपनी पूरी आशा जताते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय तंत्र पर उन्हें अधिक भरोसा नहीं है किन्तु एक विश्वसनीय तंत्र पर भरोसा है जो अलगाव के सभी मुद्दों का अंत कर देगा। इसके तहत सरकार को प्रथम चरण के रूप में पी टी ए कानून को रद्द करना होगा क्योंकि वह मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है।
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