2015-01-22 16:01:00

धर्मनिरपेक्ष भारत की रक्षा हेतु धर्माध्यक्षों ने प्रधानमंत्री से की अपील


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 जनवरी 2015 (ऊकान)꞉ भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को चुनौती दे रही चरमपंथी गतिविधियों पर हस्तक्षेप करें तथा उस पर रोक लगायें।

नई दिल्ली में सोमवार 19 जनवरी को, भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपील करते हुए कहा, ″धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की एकता के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न करने वाली घटनाओं को रोकने हेतु सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे और इस पर उचित कार्रवाई करे।″

विशेष परामर्श हेतु आयोजित इस सभा का संचालन कार्डिनल बसेलियोस क्लिमिस कथोलिकोस ने किया। सभा में कार्डिनल ऑसस्वल्ड ग्रेसियस, कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो तथा कार्डिनल जॉर्ज अलेनचेरी के साथ भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की समिति, धर्मसंघीय सम्मेलन के प्रतिनिधि तथा युवा एवं महिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सभा ने कहा कि विगत कुछ महीनों में भारत के गिरजाघरों एवं ख्रीस्तीय समुदायों पर कई आक्रमण हुए हैं जिसके कारण ईसाई समुदाय की धार्मिक भावना आहत हुई है।

उन्होंने कहा, ″इन घटनाओं ने हमारे देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर हमारे विश्वास को झकझोर दिया है। सबसे अधिक वीभत्स घटनाएं छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश और नई दिल्ली के गिरजाघरों, पुरोहितों, लोक-धर्मियों पर घटी हैं जो ईसाई समुदाय के लिए बड़े चिंता का विषय है।″

धर्मपरिवर्तन के नाम पर हाल में हुए विवाद ने भारत की नकारात्मक छवि को प्रस्तुत किया है।

सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीति ने सभी अल्पसंख्यकों, महिलाओं, दलितों, भाषा-भाषी एवं संस्कृतियों के बीच भय उत्पन्न कर रखा है।

ग़ौरतलब है कि कथित ″घर वापसी″ के नाम पर कट्टर हिन्दू चरमपंथियों की पुनःधर्मपरिवर्तन नीति द्वारा हिन्दू राष्ट्र की मांग, हमारे प्यारे देश के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार के लिए बड़ी चुनौती बन गयी  है।

सम्मेलन के उप-सचिव फादर यूसुफ चेनायन ने कहा कि इस देश के सभी ख्रीस्तीय, सरकार से सुरक्षा की मांग करते हैं तथा पुनःधर्मांतरण के मुद्दे पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं।








All the contents on this site are copyrighted ©.