2015-01-17 12:41:00

ताकलोबानः सन्त पापा फ्राँसिस ने तूफान पीड़ित ताकलोबान का किया दौरा


ताकलोबान, शनिवार, 17 जनवरी सन् 2015(सेदोक): फिलीपिन्स में अपनी प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन सन्त पापा फ्राँसिस तूफान पीड़ित फिलीपिन्स के ताकलोबान पहुँचे जहाँ घनघोर वर्षा के बावजूद लगभग डेढ़ लाख लोग घण्टों उनकी प्रतीक्षा करते रहे थे।

ताकलोबान शहर फिलीपिन्स की राजधानी मनीला से लगभग 650 किलो मीटर दूर है तथा लेयते द्वीपीय प्रान्त के मुख्य शहर पालो से दस किलो मीटर दूर। यह वही शहर है जो आठ नवम्बर सन् 2013 को हैय्यान तूफान में बरबाद हो गया था। इस तूफान में दस हज़ार से अधिक लोग मारे गये थे, लगभग दस लाख घर ध्वस्त हो गये थे तथा एक करोड़ साठ लाख नारियल के वृक्ष जड़ से उखड़ गये थे जो ताकलाबोन के लोगों की जीविका का सबसे बड़ा साधन माना जाता है। इसके अतिरिक्त, शहर के अन्तरराष्ट्रीय डेनिएल रोमुआल्देज़ हवाई अड्डे को भी क्षति पहुँची थी तथा प्रचण्ड वायु एवं मूसलाधार वर्षा के परिणामस्वरूप आवागमन एवं सम्प्रेषण माध्यम की सभी संरचनाएँ नष्ट हो गई थी।

ताकलोबान तूफान पीड़ितों के प्रति अपनी एकात्मता दर्शाने हेतु 17 जनवरी को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने डेनिएल रोमुआल्देज़ अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

प्रचण्ड वायु, घनघोर वर्षा तथा एक नये तूफान के आने की आशंका ने श्रद्धालुओं को हतोत्साहित नहीं किया क्योंकि वे कई बार इस तरह के जान लेवा मौसम का सामना कर चुके थे। हरी पीली बरसातियाँ ओढ़े हज़ारों की संख्या में हवाईअड्डे के ओर-छोर उपस्थित हो गये। पुलिस ने बताया कि हवाई अड्डे के निकट निर्मित ख्रीस्तयाग स्थल के ईर्द-गिर्द लगभग डेढ़ लाख लोग उपस्थित थे जबकि हवाई अड्डे क्षेत्र से बाहर दसियों हज़ारों लोग, वायु एवं वर्षा की परवाह किये बिना कतारों में खड़े थे। प्लास्टिक की हरी पीली बरसातियाँ पहने तालियाँ बजाते, जयनारे लगाते तथा संगीत के सुरों में सन्त पापा का वे स्वागत कर रहे थे। 

एसोसियेटेड प्रेस के संवाददातोँ से बातचीत में ताकलोबान की 23 वर्षीया जोन कातोर ने कहा, "मेरी आशा है कि सन्त पापा हमें यह भूलने तथा स्वीकार करने में मदद दें कि हमारे प्रिय जन चले गये हैं, हम प्रायः रोते रहते हैं और जो कुछ हुआ उसके बारे में बात नहीं करते।" जोन कातोर ने 2013 के हैय्यान तूफान में दो मासियों तथा चार भतीजों एवं भतीजियों को खो दिया है।

वर्षा से बचने के लिये ख़ुद सन्त पापा ने ख्रीस्तयाग के परिधान पर बरसाती ओढ़ रखी थी। पहले से तैयार अपने प्रवचन से अलग हटकर सन्त पापा ने श्रद्धालुओं से कहाः "अपने हृदय की गहराई से मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। जब मैंने रोम से आपके यहाँ आये प्राकृतिक प्रकोप को देखा था, तब ही मेरे मन में यह विचार उठा था कि मुझे यहाँ होना था। उन्हीं दिनों में मैंने आपके यहाँ आने का निर्णय लिया। मैं यहाँ हूँ आपके साथ समय बिताने के लिये। कहना पड़ेगा कि कुछ देर से आया हूँ किन्तु मैं यहाँ हूँ।"  

इस बीच, वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने बताया कि फिलीपिन्स के राष्ट्रपति बेनिन्यो आक्वीनो तृतीय ने सन्त पापा को हैय्यान तूफान में नष्ट वृक्ष के काठ की लकड़ी से बनी मरियम की एक प्रतिमा भेंट स्वरूप अर्पित की है।   








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