2015-01-16 11:31:00

मनीलाः विशाल जनसमुदाय ने किया सन्त पापा फ्राँसिस का स्वागत


मनीला, शुक्रवार, 16 जनवरी 2015 (सेदोक): मनीला की सड़कों पर गुरुवार 15 जनवरी को, हज़ारों लोग सन्त पापा फ्राँसिस की एक झलक पाने के लिये एकत्र हुए। कड़ी सुरक्षा के बीच आरम्भ सन्त पापा की फिलीपिन्स यात्रा, एशिया के एकमात्र काथलिक बहुल राष्ट्र में उनकी पहली प्रेरितिक यात्रा है। फिलीपिन्स की लगभग दस करोड़ की कुल आबादी में आठ करोड़ काथलिक धर्मानुयायी हैं। 12 जनवरी से 19 जनवरी तक चलनेवाली काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस की श्री लंका एवं फिलीपिन्स की प्रेरितिक यात्रा का यह दूसरा चरण है।

सुरक्षा के कारणों से सैल फोन्स जैम कर दिये गये थे तथा मनीला अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राष्ट्रपति भवन तक जाते 11 किलो मीटर लम्बे मार्ग को आवागमन के लिये बन्द कर दिया गया था। पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों की गहन उपस्थिति भी ध्यान आकर्षित करने वाली थी। अपनी साधारण चार दरवाज़ों वाली मोटर गाड़ी से हाथ हिलाकर सन्त पापा ने जयनारे लगाते हज़ारों प्रशंसकों की उत्साही भीड़ के प्रति आभार व्यक्त किया।

फिलीपिन्स में सन्त पापा की यात्रा का प्रथम दिन अत्यधिक व्यस्त रहा। शुक्रवार, 16 जनवरी को सन्त पापा ने सर्वप्रथम राष्ट्रपति बेनिन्यो आक्वीनो तृतीय एवं फिलीपिनी अधिकारियों से मुलाकात की, निष्कलंक माँ को समर्पित महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा फिलीपीनी परिवारों के साथ मुलाकात की।

सन्त पापा फ्राँसिस ने पहले ही कहा है कि फिलीपिन्स में उनकी चार दिवसीय प्रेरितिक यात्रा निर्धनता एवं सामाजिक अन्याय पर केन्द्रित रहेगी जिससे फिलीपिन्स के लोग पीड़ित हैं, यह दृष्टिगत रख कि फिलीपिन्स की लगभग दस करोड़ की आबादी में एक चौथाई निर्धनता में जीवन यापन करती है, यह सन्देश अवश्य ही प्रतिध्वनित होगा।

अपनी यात्रा के उद्देश्य को प्रकाशित कर सन्त पापा ने कहा है कि उनके सन्देश का केन्द्र बिन्दु निर्धन लोग हैं, वे निर्धन जो जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं, निर्धन जो फिलीपिन्स के हैय्यान तूफान के दुष्प्रभावों से अभी भी उभर नहीं पायें हैं। ग़ौरतलब है कि सन् 2013 में आये हैय्यान तूफान में 7,300 लोगों के प्राण चले गये थे। सन्त पापा के मन में वे लोग भी है जो सामाजिक, आध्यात्मिक एवं अस्तित्वात्मक अन्याय के शिकार हैं।

सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के उपलक्ष्य में फिलीपिन्स की सरकार ने पाँच दिनों का राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है। इसीलिये हज़ारों की संख्या में लोग सड़कों पर सन्त पापा के स्वागत को निकल पड़े। शुक्रवार को कई बार सन्त पापा ने अपनी गाड़ी रोककर कई बच्चों को आशीर्वाद दिया।

वैसे सन्त पापा फ्राँसिस ने सुरक्षा की कभी परवाह नहीं की है और इसीलिये वे बुलेट प्रूफ गाड़ियों को छोड़कर साधारण गाड़ियों में ही यात्रा करते रहे हैं किन्तु फिलीपिन्स की सरकार इस समय किसी भी अनहोनी को मौका नहीं देना चाहती थी। लगभग 50,000 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिये तैनात किया गया है।  

शुक्रवार को फिलीपिन्स के राष्ट्रपति भवन में सन्त पापा फ्रांसिस का औपचारिक स्वागत किया गया। यहाँ फिलीपिन्स के राष्ट्रपति बेनिन्यो आक्वीनो तृतीय ने लगभग 350 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सन्त पापा का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच वैयक्तिक बातचीत हुई जिसके बाद राष्ट्रपति के परिवार सदस्यों एवं राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सन्त पापा का आशीर्वाद लिया तथा उनके साथ फोटो खिंचवाई। उपहारों के आदान प्रदान के बाद यह समारोह सम्पन्न हुआ जिसके बाद सन्त पापा मनीला के महागिरजाघर गये। 








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