2015-01-16 15:04:00

परिवार में प्रार्थना आवश्यक


मनीला, शुक्रवार, 16 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने मनीला स्थित ‘माल ऑफ एशिया अरेना’ भवन में शुक्रवार 16 जनवरी को परिवारों के साथ मुलाकात की।

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित करते हुए संत जोसेफ के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ″पवित्र धर्मग्रंथ संत जोसेफ के बारे बहुत कम जानकारी देता है जिसमें हम उन्हें पाते हैं कि एक दूत स्वप्न में उन्हें दिखाई देकर ईश्वर की योजना प्रकट करता है। बाईबल में हम उन्हें दो बार विश्राम करते हुए पाते हैं।″ संत पापा ने कहा कि आज संध्या मैं आप लोगों के साथ प्रभु में विश्राम करते हुए परिवार के वरदानों पर चिंतन करना चाहता हूँ।  

संत जोसेफ के आराम करते समय ईश्वर की योजना प्रकट हुई। संत पापा ने कहा कि प्रभु में आराम करने की इस घड़ी में हम सभी गतिवधियों एवं कार्यों को विराम देते हैं ताकि ईश्वर हम से बोल सकें। ईश्वर हमारी प्रार्थना और शांत हृदय में हम से बोलते हैं। 

संत पापा ने मुख्य रूप से तीन बिन्दुओं पर चिंतन किया- प्रभु में विश्राम, येसु तथा मरियम के साथ उठना तथा एक नबी की आवाज बनना।

संत पापा ने कहा, ″प्रभु में विश्राम करना हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अति आवश्यक है किन्तु यह आराम आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संत जोसेफ की तरह हम भी अपने हृदय, अपने परिवार, पल्ली तथा समुदायों में येसु के लिए जगह बनाने हेतु बुलाये गये हैं। ईश्वर के बुलावे को सुनने, उसका प्रत्युतर देने और येसु के लिए जगह बनाने हेतु हमें प्रभु में विश्राम कर सकना चाहिए। हमें इसके लिए समय निकालना चाहिए। हमारे पास कई काम हो सकते हैं किन्तु प्रार्थना का लिए समय निकालना आवश्यक है क्योंकि हम इसके बिना ईश्वर की इच्छा नहीं जान सकते हैं। संत पापा ने कहा प्रार्थना करना परिवार के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि परिवार ही वह स्थान है जहाँ हम पहली बार प्रार्थना करना सीखते हैं, ईश्वर को पहचानना सीखते हैं विश्वास में बढ़ते तथा ईश्वर के बृहद परिवार कलीसिया के सदस्य बनते हैं। परिवार में हम प्यार करना, क्षमा देना, उदार बनना एवं स्वार्थ से उपर उठना सीखते हैं। अपनी आवश्यकताओं से ऊपर उठकर दूसरों की आवश्यकताओं को देखना सीखते हैं। इसलिए परिवार में ईश्वर से प्रार्थना करने और कलीसिया के लिए उनकी योजना को जानने की अति आवश्यकता है।

दूसरा बिन्दु येसु एवं मरियम के साथ उठना’ पर संत पापा ने कहा, ″आराम यानी प्रार्थना करने के उस महत्वपूर्ण समय में ही बने रहने के प्रलोभन में हम पड़ सकते हैं। किन्तु संत जोसेफ की तरह ईश्वर की वाणी सुनने के पश्चात् हमें अपनी नींद से उठना चाहिए तथा कार्य करना चाहिए क्योंकि दुनिया में ईश राज्य के विस्तार हेतु सभी को एक विशेष भूमिका अदा करनी है। पारिवारिक जीवन में आज कई प्रकार के दबाव हैं। फिलीपींस के परिवार अभी भी प्राकृतिक आपदा से पीड़ित है। आर्थिक समस्या ने उन्हें विभिन्न जगहों में भटकने के लिए मज़बूर कर दिया है। बहुत से परिवार अत्यन्त गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं। उन्हें समाज की बुराईयों से संघर्ष करना पड़ रहा है। दुनिया को आज अच्छे और सुदृढ़ परिवारों की आवश्यकता है। फिलीपींस को पवित्र और प्रेममय परिवार की आवश्यकता है ऐसा परिवार जो ईश्वर की योजना की सच्चाई और सुन्दरता को बचा सके तथा दूसरों को सच्चा नमूना दे सके। संत पापा ने परिवार को देश का खजाना बता कर उसकी रक्षा करने की सलाह दी।

संत पापा ने अंतिम बिन्दु ‘नबी की आवाज बनने’ पर चिंतन करते हुए कहा कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का कर्तव्य है विभिन्न समुदायों के बीच नबी की आवाज बनना। संत जोसेफ ने दूत के संदेश को प्राप्त कर उसके अनुसार येसु एवं मरियम की देखभाल की। इस प्रकार उन्होंने ईश्वर की योजना को पूर्ण किया न केवल पवित्र परिवार के लिए किन्तु सभी मानव परिवारों के लिए।

संत पापा ने परिवार को सदस्यों को अपने परिवारों से बाहर आकर ग़रीबों की मदद करते हुए येसु के शिष्य बनने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने प्रार्थना करने का आग्रह किया ताकि उनके प्रेम में बढ़ सकें तथा कलीसिया के लिए उनके प्रेम का साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें।








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