2015-01-15 10:22:00

मनीलाः फिलीपिन्स में लाखों सन्त पापा फ्राँसिस की प्रतीक्षा में


मनीला, गुरुवार, 15 जनवरी 2015 (सेदोक): एशिया के विशालतम काथलिक देश फिलीपिन्स के नेता सुरक्षा कारणों तथा प्राकृतिक प्रकोप के भय से चिन्तित है। गुरुवार को श्री लंका की राजधानी कोलोम्बो से 35 किलो मीटर दूर बोलावलाना में "आर लेडी ऑफ लंका" प्रार्थनालय में सन्त पापा ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा श्री लंका के लोगों से विदा ले फिलीपिन्स की ओर प्रस्थान किया।       

काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस इस समय श्री लंका एवं फिलीपिन्स की प्रेरितिक यात्रा पर हैं। श्री लंका एवं फिलीपिन्स में यह उनकी पहली, एशिया में दूसरी तथा इटली से बाहर सातवीं प्रेरितिक यात्रा है।

बुधवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने 17 वीं शताब्दी के महान मिशनरी जोसफ वाज़ को सन्त घोषित कर श्री लंका को उसके प्रथम सन्त का वरदान दिया। उन्होंने, अधिकांश सिंघली एवं हिन्दू तमिलों के बीच चले दीर्घ कालीन युद्ध से उभरते श्री लंका के लोगों से कहा कि सन्त वाज़ हमें शांति की सेवा में धर्म पर आधारित विभाजनों से परे जाना सिखाते तथा सर्वजनकल्याण के लिये एकता का प्रयास हेतु प्रेरित करते हैं।   

36 वर्ष की आयु में फादर वाज़ भिक्षु का वेश बदल कर डच सैनिकों से बचते हुए जंगलों की राहों से, श्री लंका गये थे। 23 वर्षों तक शांति के दूत जोसफ वाज़ ने श्री लंका के लोगों को सुसमाचार का प्रेम सन्देश सुनाया जिसके परिणामस्वरूप कैण्डी एवं आसपास के क्षेत्रों में कम से कम 30,000 लोगों ने ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लिया था। इस सन्दर्भ में, सन्त घोषणा समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "काथलिक कलीसिया, इस युग के विश्वासियों के लिये सन्त जोसफ वाज़ को महान आदर्श मानती हैं। जोसफ वाज़ ने उस युग में जीवन यापन किया था जब काथलिक अल्पसंख्यक थे तथा, आज की तरह, प्रायः सताये जाते थे तथापि, उन्होंने जाति और धर्म का भेदभाव किये बिना सबकी सेवा की।"  








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