2015-01-14 15:22:00

माडू मरिया तीर्थस्थल शांति का आश्रय स्थल सदा बना रहे


माडू, बुधवार, 14 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 14 जनवरी को श्रीलंका के मन्नार धर्मप्रांत स्थित माडू मरिया तीर्थस्थल का दौरा कर, धन्य कुँवारी मरियम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनसे विशेष प्रार्थना की।

संत पापा ने उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″हम हमारी माता के घर में उपस्थित हैं। वे हमारा स्वागत कर रही हैं। माडू के मरिया तीर्थस्थल में सभी तीर्थयात्री अपने ही घर के समान  महसूस करते हैं क्योंकि माता मरिया प्रत्येक को अपने पुत्र येसु की उपस्थिति प्रदान करती है। यहाँ तमिल एवं सिंघली सभी एक परिवार के सदस्य के समान आते हैं। वे माता मरिया को अपनी खुशी, गम, आशा और आवश्यकता की दास्ताँ सुनाते हैं। उनके पास वे सुरक्षित महसूस करते और जानते हैं कि ईश्वर उनके अति करीब हैं जिसके कारण वे ईश्वर के स्नेह तथा कोमलता का अनुभव करते हैं।″

संत पापा ने श्रीलंका में घटित विगत वर्षों के संघर्ष की याद करते हुए कहा कि उस दुखद घटना को कभी भुलाया नहीं जा सकता जब अत्यधिक तनाव के कारण श्रीलंका में ख्रीस्तीय धर्म के आगमन के साथ लायी गयी श्रद्धायुक्त मरिया की प्रतीमा को तीर्थस्थल से हटा लिया गया था किन्तु इसके बावजूद माता मरिया हमारे साथ रहीं। वे प्रत्येक परिवार की माता हैं, सभी घायल परिवारों की माता। हम उन्हें धन्यवाद देते हैं क्योंकि वे श्रीलंका वासियों की विगत दिनों में एवं आज भी कई ज़ोखिमों से रक्षा करती हैं। वे अपने बच्चों को उसी तरह कभी नहीं भूलतीं जिस तरह उन्होंने अपने पुत्र येसु को क्रूसित रूप में भी साथ दिया था।

संत पापा ने कहा कि आज हम उन्हें उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देते हैं। अत्यधिक घृणा, हिंसा और विध्वंस के बावजूद उन्होंने येसु को सदा हमारे लिए प्रस्तुत किया, जिन में हमारे सभी प्रकार के घांवों को चंगाई देने तथा टूटे दिलों को जोड़कर शांति प्रदान करने का सामर्थ्य है। हम उनसे कृपा की याचना करते हैं कि वे हमारे सभी दोष-गुनाहों को माफ कर दे तथा इस भूमि पर हुई सभी बुराईयों को दूर कर दें।

संत पापा ने कहा कि यद्यपि यह आसान नहीं है तथापि जब हम क्रूस के आलोक में अपनी बुराइयों को देख पाते हैं तब हम अपने अंदर सच्चे पश्चाताप की भावना महसूस करेंगे और सिर्फ इसी के द्वारा हम एक-दूसरे से मेल-मिलाप करने की कृपा प्राप्त कर पायेंगे। क्षमा प्रदान कर शांति प्राप्त करने के इस प्रयास में माता मरिया सदैव हमें प्रोत्साहन देती हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करें तथा आगे ले चलें। जिस प्रकार उन्होंने अपने पुत्र येसु के हत्यारों को माफ कर उनके मृत शरीर को अपनी छाती से लगाया था उसी प्रकार, आज वे श्रीलंका में पूर्ण मेल-मिलाप लाना चाहती हैं जिससे कि ईश्वर की करूणा एवं क्षमा द्वारा उन्हें सच्ची चंगाई प्राप्त हो सके।

संत पापा ने माता मरिया से प्रार्थना करते हुए कहा कि वे अपनी प्रार्थना द्वारा तमिल एवं सिंघली समुदाय की मदद करें ताकि वे खोये हुए एकता का पुनःनिर्माण कर सकें। माता मरिया का यह तीर्थस्थल, प्रार्थना का घर तथा शांति का आश्रय स्थल सदा बना रहे।








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