2015-01-08 15:56:00

संत पापा की आगामी यात्रा, एशिया के प्रति उनका स्नेह


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 जनवरी 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ श्रीलंका और फिलीपीन्स में संत पापा फ्राँसिस की आगामी प्रेरितिक यात्रा की विस्तृत जानकारी प्रकाशित की गयी।

वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने बुधवार 7 जनवरी को प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर एशियाई महाद्वीप के दो देशों श्रीलंका एवं फिलीपींस में संत पापा फ्राँसिस की आगामी प्रेरितिक यात्रा की विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की।

उन्होंने कहा कि संत पापा की यह प्रेरितिक यात्रा एशिया महाद्वीप में उनकी दूसरी यात्रा है। इसके पूर्व उन्होंने वर्ष 2014 में कोरिया की यात्रा की थी।

फादर लोम्बारदी ने कहा कि एशिया महाद्वीप में संत पापा फ्राँसिस की इस दूसरी यात्रा का मतलब है एशिया महाद्वीप के लोगों के प्रति उनका स्नेह। संत पापा की यात्रा का दूसरा कारण उन्होंने बतलाया कि संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें एशिया की यात्रा नहीं कर पाये थे जिसके कारण यह महत्वपूर्ण है कि वे इस बड़ी आबादी वाले महाद्वीप की यात्रा कर लोगों के प्रति अपने सामीप्य को अभिव्यक्त करें।

विदित हो कि 12 जनवरी को संत पापा अपनी सातवीं आगामी प्रेरितिक यात्रा में श्रीलंका की दो दिवसीय तथा फिलीपींस की तीन दिवसीय यात्रा करेंगे।

फादर लोम्बारदी ने बलताया कि इसके पूर्व धन्य संत पापा पौल षष्टम एवं संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने इन देशों की यात्रा की थी।

उन्होंने कहा कि प्रेरितिक यात्रा, संत पापा एवं एशिया महाद्वीप के लोगों के बीच संबंध सुदृढ़ करने हेतु यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर होगा।

श्रीलंका में संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के प्रतीक रूप में एक क्रूस के साथ धन्य जोसेफ वाज़ को दर्शाया गया है जिनकी धन्य घोषणा संत पापा फ्राँसिस के कर-कमलों द्वारा सम्पन्न की जायेगी। 

फिलीपींस के प्रतीक में दर्शाया गया है कि एक गोलाकार पीले रंग के अंदर सफेद क्रूस है जो लाल और नीले रंग के हाथों से घिरा है। ये हाथ दया और सहानुभूति को दर्शाते हैं। प्रतीक में जो रंग प्रयोग किया गया है वह फिलीपींस के राष्ट्रीय झंडे का रंग है।

फादर लोम्बारदी ने कहा कि संत पापा की फिलीपींस यात्रा का कारण प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करना भी है।

 








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