2015-01-03 20:43:00

संत पापा के नाम इटली के राष्ट्रपति नपोलितानो का पत्र


वाटिकन सिटी, शनिवार 3 जनवरी, 2015 (सेदोक,वीआर) इटली के राष्ट्रपति जियोरजियो नपोलितानो ने विश्व शांति दिवस पर संत पापा द्वारा दिये शांति संदेश पर प्रत्युत्तर में एक पत्र भेजा है।

राष्ट्रपति ने लिखा कि 48वें शांति दिवस मनाते हुए संत पापा का पत्र के दायित्व और सहानुभूतिपूर्ण पत्र की वे सराहना करते हैं जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता मानव मर्यादा के हनन के प्रति अपनी चिन्ता जतायी तथा आप्रावासियों एवं शरण खोजने वालों के प्रति सत्कार और सम्मान की भावना दिखाने के प्रति लोगों का ध्यान खींचा है।

उन्होंने कहा कि संत पापा ने जिन बातों की ओर लोगों का ध्यान खींचा है वे बातें या सिद्धांत यूरोप की राष्ट्रीय नीति का अहम् हिस्सा है। संत पापा फ्राँसिस ने पोप का दायित्व संभालने के आरंभिक काल से ही विश्व का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आप्रावासियों के साथ दासों के समान जो वर्ताव होता है उसके लिये संस्थाओं और सरकार को ध्यान देने की ज़रूरत है। कई बार सामाजिक और आर्थिक कारणों से मानव दूसरे मानव का दुरुपयोग करता है। ऐसी परिस्थिति में मानव के मनोवैज्ञानिक तथा राजनीतिक पक्ष को ध्यान देते हुए सरकार को चाहिये कि वह शिक्षा और रोजगार नीति पर चिन्तन करे क्योंकि ये ही मानव को मर्यादा देते और एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में अपना विशिष्ट योगदान देते हैं।

राष्ट्रपति महोदय ने यह भी कहा कि विश्व में हो रहे विभिन्न अपराधों पर काबू पाने के प्रयास किये जाने चाहिये विशेष करके वेश्यावृत्ति, अघोषित काम, मानव तस्करी आदि।

उन्होंने कहा कि वे संत पापा के साथ मिलकर उन स्वयंसेवकों, संगठनों धर्मसमाजियों तथा लोकधर्मियों की सराहना करते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इन सामाजिक बुराइयों से लड़ने का प्रयास कर रहे हैं और कई लोगों ने इसके लिये अपना जीवन भी बलिदान कर दिया है।

राष्ट्रपति नपोलितानो ने कहा कि वे संत पापा के उस आमंत्रण को स्वीकार करते हैं कि हमें वैश्वीकरण को एक सकारात्मक शक्ति बनानी है ताकि सहयोग और भ्रातृभाव के साथ कार्य करते हुए आर्थिक असमानता और सामाजिक मतभेद को कम किया जा सके।   

उन्होंने संत पापा को नये वर्ष की शुभकामनायें देते हुए कहा कि ईश्वर संत पापा के प्रेरितिक मिशन में मदद दे।

 

 








All the contents on this site are copyrighted ©.