वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 26 दिसम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में शुक्रवार 26 दिसम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत
प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित
कर कहा, अतिप्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,
आज की धर्मविधि संत स्तेफन
का साक्ष्य प्रस्तुत करता है। येरूसालेम में विश्वासी समुदाय की सेवा परिचर्या हेतु प्रेरितों
द्वारा चुने गये 6 उपयाजकों में, कलीसिया के वे प्रथम शहीद बनें। अपनी शहादत द्वारा संत
स्तेफन ने, संसार में जन्में राजाओं के राजा येसु को अपना जीवन भेंट करके उनका सम्मान
किया। इस प्रकार यह घटना ख्रीस्त जयन्ती के रहस्य को जीने का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इस पर्व के लिए निर्धारित सुसमाचार पाठ येसु द्वारा अपने चेलों को मिशन हेतु
प्रेषित करते हुए, दिए गये उनकी सलाह की याद दिलाता है। यह इस प्रकार है- ″मेरे नाम के
कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे, किन्तु जो अंत तक धीर बना रहेगा, उसे मुक्ति मिलेगी।″
(मती.10꞉22)
संत पापा ने कहा कि येसु का यह कथन ख्रीस्त जयन्ती के महोत्सव को
फीका नहीं करता किन्तु उसमें आकर्षक दिखाई पड़ने वाले झूठे आवरण को हटा देता है जिसका
वास्तव में इस त्यौहार से कोई संबंध नहीं है।
हम यह भलीभाँति समझते हैं कि विश्वास
की इस परीक्षा ने हिंसा को प्रेम तथा मृत्यु को जीवन द्वारा जीत लिया।″ संत पापा ने कहा
कि हमारे जीवन में येसु का स्वागत करने का आनन्द बढ़ाने के लिए, सुसमाचार पाठ हमें एक
संकेत देता है और वह है विनम्रता, मौन सेवा तथा बिना भय के येसु का साक्ष्य प्रस्तुत
करना। यद्यपि हम सभी संत स्तेफन की तरह शहादत के लिए नहीं बुलाये गये हैं तथापि यह हम
से अपने विश्वास में अडिग रहने की मांग करता है।
संत पापा ने कहा कि सुसमाचार
का अनुपालन, निश्चय ही एक बड़ी मांग है किन्तु जो उसपर निष्ठावान तथा साहसी हैं वे प्रभु
द्वारा भले लोगों के लिए की गयी प्रतिज्ञात वरदान प्राप्त करते हैं। बेतलेहेम में
स्वर्ग दूतों ने चरवाहों को येसु के जन्म का पैगाम सुनाया, ″सर्वोच्च स्वर्ग में ईश्वर
को महिमा हो और पृथ्वी पर उनके कृपा पात्रों को शांति मिले।″(लू.2꞉14)
संत पापा
ने कहा कि ईश्वर प्रदत्त शांति, उन लोगों को सांत्वना प्रदान करे जो जीवन की समस्याएँ
झेल रहे हैं वे ईश वचन को स्वीकार कर सकें तथा उसमें वे अंत तक धीर बने रहें।
संत
पापा ने समाज में भेदभाव के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना की विशेषकर ख्रीस्त का साक्ष्य
प्रस्तुत करने हेतु जिन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। मैं आप प्रत्येक से कहना
चाहता हूँ कि यदि आप इस क्रूस को प्यार से उठाते हैं तो आप ख्रीस्त जयन्ती के रहस्य में
प्रवेश कर चुके हैं आप ख्रीस्त एवं कलीसिया के हृदय में हैं।
संत पापा ने इन दिनों
हुए अत्याचार के शिकार लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि उनकी शहादत
द्वारा पूरे विश्व के ख्रीस्तीयों को बल मिले। उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त
हो जो प्रत्येक व्यक्ति का अपरिहार्य अधिकार है।
संत पापा ने क्रिसमस की शुभकामनाएँ
दी तथा कहा कि उप-याजक तथा प्रथम शहीद संत स्तेफन हमारे जीवन यात्रा में मदद करें।
इतना
कहने के बाद संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा
सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के उपरांत उन्होंने
देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया तथा उन्हें ख्रीस्त
जयन्ती की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा, ″ख्रीस्त जयन्ती के आनन्द के साथ मैं आप सभी
का अभिवादन करता हूँ विशेषकर, सभी परिवारों, पल्लियों तथा धर्मसमाजी समुदायों, संस्थाओं
एवं संगठनों का।
संत पापा ने उन सभी के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जिन्होंने
उन्हें ख्रीस्त जयन्ती की शुभकामनाएँ दी थीं उन्होंने उनकी प्रार्थनाओं के लिए भी उन्हें
हार्दिक धन्यवाद दिया। अंत में उन्होंने सभी को ख्रीस्त जयन्ती की मंगलकामनाएं अर्पित
की।