2014-12-26 11:55:28

असमः हिंसा में लगभग 76 की हत्या, लोगों ने ली गिरजाघरों में शरण


असम, शुक्रवार 26 दिसम्बर सन् 2014 (पीटीआई): भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में बोडो चरमपंथियों द्वारा आदिवासियों के विरुद्ध हिंसा में मरने वालों की संख्या कम से कम 76 हो चुकी है।

असम में बोडोलैंड के नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफबी) द्वारा आदिवासियों के विरुद्ध हमलों एवं नरसंहार के विरोध में आदिवासी संगठनों ने उत्तर बंगाल के 06 ज़िलों में 27 दिसम्बर के दिन 12 घण्टे के बन्द का आह्वान किया है।

पुलिस ने हमलों के लिए नेशनल डेमोक्रेटिक फ़्रंट ऑफ़ बोडोलैंड(एनडीएफबी) को ज़िम्मेदार ठहराया है।

हिंसा के कारण सैकड़ों लोग अपने घरों से पलायन कर गिरजाघरों एवं स्कूलों में शरण ले रहे हैं।

बोडोलैंड का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफबी) बोडो समुदाय के लिए असम में स्वतंत्र राज्य की मांग करता रहा है। मंगलवार को हुए हमलों में ग़ैर-बोडो और विशेष रूप से आदिवासियों को निशाना बनाया गया था।

बताया जा रहा है कि असम के सोनितपुर और कोकराझार ज़िले पर हुए हमलों में विशेषकर महिलाएँ और बच्चे हताहत हुए हैं। मारे और घायल लोगों में अधिकांश वे आदिवासी हैं जो स्थानीय चाय के बागानों में काम करते हैं।

क्रुद्ध आदिवासियों ने हमलों के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किये। बुधवार को पुलिस ने सोनितपुर में एक पुलिस थाने को घेरने वाले आदिवासियों के एक समूह पर गोली चलाई थी जिससे तीन आदिवासियों की मौत हो गई थी।

हमले में बच गए गाँववालों ने बताया कि हथियारबंद विद्रोही पैदल आए और उनके घरों के दरवाज़ों को बलपूर्वक खोलकर गोलियाँ चलाने लगे। कुछ गाँववालों को उनके घरों से बाहर निकालकर गोली मारी गई।

सोनितपुर ज़िले के समुकजुली गाँव स्थित एक गिरजाघर में लगभग 100 लोगों ने पनाह ले रखी है। इनमें अधिकांश महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं। सोनितपुर में मारे गये 37 लोगों में 10 महिलाएँ थीं।








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