2014-12-19 15:57:51

कलीसिया एक माता है व्यवसायी नहीं


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 19 दिसम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में शुक्रवार 19 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कलीसिया की संतान हीनता तथा मातृत्व पर चिंतन किया।

उन्होंने कहा कि ईश्वर संतानहीन से एक नयी संतति की शुरूआत करते हैं।
संत पापा ने पाठ पर चिंतन करते हुए कहा, ″यह मुझे माता कलीसिया की याद दिलाती है। कलीसिया में बांझपन है और यह सत्ता तथा घमंड से आता है। उन्होंने कहा कि कलीसिया माता है व्यवसायी नहीं।″
संत पापा ने संतानहीनता तथा मातृत्व पर चिंतन किया जो पवित्र धर्मग्रंथ में वर्णित सामसोन तथा संत योहन बपतिस्ता के अचरजमय जन्म की घटना को प्रस्तुत करता है।
संत पापा ने कहा पवित्र बाईबल में बाझपन का उस व्यक्ति का प्रतीक है जो आगे बढ़ने में असर्थ है। इस लिए कलीसिया हमें बांझपन पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करती है।

बांझपन से भी ईश्वर एक नये वंशावली की शुरूआत कर सकते हैं। जब-जब मानव कमजोर होता तथा आगे बढ़ने में असमर्थ होता है तब-तब ईश्वर की कृपा, ईश्वर का पुत्र तथा मुक्तिदाता का आगमन होता है। एक क्षीण सृष्टि नयी सृष्टि के लिए रास्ता प्रदान करता है।

हम ईश्वर की नवीनता का इंतजार कर रहे हैं और वह है ख्रीस्त जयन्ती। सामसोन तथा योहन बपतिस्ता की माताएँ पवित्र आत्मा की शक्ति द्वारा अपने बच्चों को जन्म देने में समर्थ रहीं।

संत पापा ने कहा कि ये माताएँ हमें माता कलीसिया पर विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। कलीसिया में कितनी संतान हीनता है। कलीसिया माता है और तभी माता बनती है जब वह ईश्वर की नवीनता के लिए खुली है। जब वह पवित्र आत्मा के प्रति उदार होती है।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया में बांझपन है तथा विश्वास द्वारा ही कलीसिया माता बन सकती है।
संत पापा ने कलीसिया के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया क्योंकि ईश प्रजा में अधिक बांझपन है। यह बांझपन घमंड और पद प्राप्ति की भावना से आता है। कलीसिया जब सोचती है कि वह सब कुछ कर सकती है तब वह लोगों के विवेक का भार अपने उपर ले लेती है, इस प्रकार की कलीसिया बांझ है।








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