वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार 18 दिसंबर, 2014 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार
18 दिसंबर को वाटिकन स्थित सान्ता मार्था अतिथि निवास में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते
हुए प्रवचन में कहा कि ईश्वर सदा चाहते हैं कि हमारी मुक्ति हो। उन्होंने कहा कि हमारी
मुक्ति का एक इतिहास है ईश्वर ने मानव के साथ यात्रा की है इसलिये बिना इतिहास के मुक्ति
नहीं है। हमें इतिहास में मुक्ति प्राप्त हुई और यह मुक्ति इतिहास जारी है। संत पापा
ने कहा कि आज के सुसमाचार में हम एक ऐसी कहानी के बारे में सुनते हैं जो बहुत सुखद नहीं
है। जोसेफ को पता चलाता है कि उनकी पत्नी मरियम गर्भवती है। वह इसे नहीं समझता है इसके
लिये वह दुःख उठाता है पर वह वफ़ादार बना रहता है। वह कहता है मैं इसे नहीं समझता हूँ
पर मैं ईश्वर ने मुझसे कहा कि यह यह तुम्हारा पुत्र है इसलिये मैं इसे स्वीकार करता हूँ।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर के साथ हमारे इतिहास में कई पल बहुत अच्छे नहीं होते हैं।
कई बार हम बीमारी का सामना करते हैं पर हमें इस बात को याद रखना चाहिये कि इतिहास को
हमने आरंभ किया है न ही हम इसके अन्त के मालिक है। अपने इतिहास के साथ बस हम यही
कहते हैं हे पिता परमेश्वर आप मेरे साथ चलते रहिये मैं आपके साथ चलने को तैयार हूँ। और
सबकुछ को ईश्वर के हाथ में डाल दीजिये। संत पापा ने कहा कि इतिहास से हम क्या सीखते
हैं ? हम सीखते हैं कि ईश्वर हमारे साथ चलता है और वही हमारा इतिहास बनाते हैं। हम सीखते
हैं कि ईश्वर हमारी परीक्षा लेता है पर हमें वैसी परिस्थितियों से बचाता है जो खराब हैं
या वीभत्स हैं। संत पापा ने कहा ईश्वर हमें अपने इतिहास को समझने की शक्ति भी प्रदान
करता है।